थेरेसा मे के चुनाव में जाने का विरोध करेंगे : यूके सांसद

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लंदन, 31 मार्च (आईएएनएस)| ब्रिटेन की सत्ताधारी पार्टी के सांसदों ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री थेरेसा मे के अचानक चुनाव में जाने के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यह ब्रेक्सिट विवाद को बढ़ा देगा।

द गार्डियन में शनिवार को आई खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री मे के पिछले हफ्ते ब्रेक्सिट समझौते को तोड़ने के संकेत दिए जाने के बाद से ही उनके कैबिनेट के मंत्री खुद भी उनके खिलाफ हैं और वे भी पार्टी के बाकी सांसदों की तरह प्रधानमंत्री मे के खिलाफ वोट देंगे।

ब्रेक्सिट का समर्थन व विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने जल्द चुनाव का विरोध किया है। मे को हाउस ऑफ कॉमन में इसके समर्थन के लिए कम से कम दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता है। हालांकि उनकी खुद की पार्टी के सांसद इस पर रोक लगा सकते हैं। इससे बचने के लिए उन्हें मजबूर होकर अपनी ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा। इसके लिए कुछ सांसदों से एक साधारण बहुमत की जरूरत होगी।

विदेश मंत्री अलान डूनकन ने कहा, “अगर ब्रेक्सिट समझौते को पूरा किए बिना हम आम चुनाव में जाते हैं तो यह चीजों को और भी बेकार कर देगा।”

एक दूसरे सांसद एनटोनियो संडबेच, जिन्होंने दूसरी बार ब्रेक्सिट को लेकर मतदान कराने पर सहमति जताई थी, उन्होंने भी कहा, “आम चुनाव कोई जवाब नहीं है और मैं इसके खिलाफ वोट करूंगा।”

ब्रेक्सिट समझौते का समर्थन कर रहे यूरोपियन रिसर्च ग्रुप के सांसद मार्क फ्रांसिसको ने कहा कि प्रधानमंत्री मे की पार्टी के सांसद उनके साथ चुनाव में जाने के लिए सहमत होंगे।

इस बीच प्रधानमंत्री मे चौथी बार हाउस ऑफ कॉमन में यूरोप यूनियन से बाहर जाने के लिए प्रस्ताव लाने का प्रयास कर रही हैं। शुक्रवार को प्रस्ताव के एक बार फिर से सदन में 344 बनाम 286 से गिर जाने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस समझौते से जल्द बाहर निकलने के दूसरे रास्ते ढूंढ़ने होंगे।

समझौते में रुकावट उस हिस्से को लेकर है, जिसमें इस बात पर सहमति नहीं बन पाई है कि यूरोपीय संघ से बाहर जाने के एवज में ब्रिटेन ईयू को कितनी रकम देगा। इस नीति को लेकर भी पेच फंसा है, जिसमें आइरिश रिपिब्लक और यूके नॉर्दन द्वीप के बीच सीमारेखा खींचने की बात कही गई है।

पहली अप्रैल को होने वाले मतदान में अब दोनों ही पार्टियों के सांसद दूसरे विकल्पों का समर्थन करेंगे।

मे को समझौता प्रक्रिया में 12 अप्रैल तक विस्तार देना होगा, ताकि यूके ईयू से बिना किसी करार के बाहर न हो जाए। प्रधानमंत्री ने हालांकि कहा कि ब्रेक्सट में देरी होना संभव है, क्योंकि 23 से 26 मई तक यूरोपीय संसद में चुनाव है।

 

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