अंतर्राष्ट्रीय पुरुष स्वास्थ्य सप्ताह (International Men’s Health Week) शुरू हो चुका है। यह सप्ताह 10 जून से 16 जून तक चलेगा। इस सप्ताह में पुरुषों के स्वास्थ्य से जुड़ी एक्टिविटीज होती हैं, ताकि दुनिया भर में इसके प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य पुरुषों और लड़कों में उन बिमारियों के प्रति जागरूकता फैलाना है, जिनकी रोकथाम की जा सकती है। इस दौरान खासकर उन बिमारियों पर ध्यान दिया जाता है, जो पुरुषों में ज्यादा प्रचलित होती हैं जैसे नपुंसकता, प्रोस्टेट कैंसर, पुरुष असंयम, वृषण स्वास्थ्य मुद्दे आदि। इन्हीं में से एक है- स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन।
स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) पुरुषों में पाई जाने वाली एक बड़ी समस्या है। यह एक यौन सम्बंधित बीमारी है, जो किसी भी पुरुष के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) पुरुषों में होने वाली एक यौन संबंधी बीमारी है। जब कोई पुरुष संभोग के समय अपने गुप्तांग में पर्याप्त इरेक्शन या स्तंभन नहीं ला पाता है या फिर उसे बरकरार नहीं रख पाता है, तो ऐसी स्थिति को स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहते हैं।
भारत में 40 साल से ज्यादा उम्र के 20 प्रतिशत पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन के शिकार हैं। अब कम उम्र के पुरुषों को भी यह समस्या होने लगी है। डॉक्टर्स के मुताबिक कभी कभार ऐसा होना कोई समस्या नहीं है लेकिन अगर अक्सर ऐसा हो, तो यह एक बीमारी है जिसका इलाज करना चाहिए।
अगर किसी पुरुष को संभोग करते समय अक्सर पर्याप्त इरेक्शन न हो यानी 50% समय ऐसा न हो, तो समझ लीजिए कि आप को यह समस्या हो सकती है। इसके और भी कई लक्षण होते हैं जैसे कि-
संभोग के लिए गुप्तांग को उत्तेजित करना या इसमें इरेक्शन कई बातों पर निर्भर करता है। डॉक्टर्स के अनुसार इसमें मस्तिष्क, होर्मोनेस, गुप्तांग में रक्त का बहाव, नसें, मांसपेशियाँ और पुरुष की भावनाएं आदि महत्वपूर्ण होती हैं। इनमें से अगर कोई भी सही से काम न करे तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है। इसके कई कारण हैं जिनमें मनोवैज्ञानिक कारण, हृदय सम्बंधित कारण आदि शामिल हैं।
मनोवैज्ञानिक कारण (Psychological Causes)
पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक मुख्य कारण साइकोलॉजिकल फेक्टर भी हैं। बहुत से पुरुष तनाव से घिरे रहते हैं, जिससे में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो जाती है। इन साइकोलॉजिकल फेक्टर्स में डिप्रेशन, एंग्जायटी आदि शामिल हैं।
हृदय सम्बंधित कारण (Cardiovascular Causes)
पुरुषों में यह समस्या होने का एक प्रमुख कारण हृद्य भी है। दरअसल, धमनीकाठिन्य ( Arteriosclerosis) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गुप्तांग में मौजूद रक्तवाहिनी (Arteries) सख्त हो जाती है और बंद हो जाती है। इस स्तिथि में, रक्त सही मात्रा में गुप्तांग तक नहीं पहुंच पाता है और इरेक्शन नहीं हो पाता।
हृदय सम्बंधित बीमारियां जैसे अधिक वजन (Obesity), डायबिटीज (Diabetes) , कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और स्मोकिंग (Smoking) आदि इरेक्टाइल डिसफंक्शन के खतरे को बढ़ा देती हैं।
नसों से संबंधित कारण (Neurological Causes)
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक अन्य कारण, गुप्तांग से जुड़ी हुई नसों में चोट पहुंचना भी है। ऐसे में भी इरेक्शन नहीं हो पाता, जैसे कि प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी कराने पर या कोई और सर्जरी कराने पर गुप्तांग से जुड़ी नसें डैमेज हो सकती हैं। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी में समस्या होने पर भी इरेक्शन में दिक्कत आ सकती है।
पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को रोकने के लिए जरूरी है कि इसके कारणों को खत्म किया जाए। पुरुषों को धूम्रपान नहीं करना चाहिए, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज को कंट्रोल करना चाहिए। साथ ही तनाव मुक्त रहना चाहिए। पुरुषों को अपने डॉक्टर्स की सलाह भी जरूर लेनी चाहिए।
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