केंद्र सरकार (Government of India) किराए पर रहने वालों के लिए जल्द बड़ा कदम उठाने जा रही है। आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार का यह कदम किराये के आवास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आवास सचिव ने कहा कि विभिन्न राज्यों में मौजूद वर्तमान किराया कानून किरायेदारों के हितों की रक्षा के हिसाब से बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार देश भर में 1.1 करोड़ से अधिक घर खाली पड़े हैं, क्योंकि लोग उन्हें किराये पर देने से डरते हैं।
मिश्रा ने कहा, “मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि एक साल के भीतर हर एक राज्य इस आदर्श कानून को लागू करने के लिए जरूरी प्रावधान करें।’उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इस कानून के लागू होने के बाद खाली फ्लैट में से 60-80 फीसदी किराये के बाजार में आ जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपर अपने बिना बिके घरों को किराये के आवास में भी बदल सकते हैं।
जाने क्या है आदर्श किराया कानून-
शहरी विकास मंत्रालय ने जुलाई 2019 में आदर्श किराया कानून का मसौदा जारी किया था, जिसमें प्रस्ताव था कि किराये में किसी तरह के संशोधन से 3 महीने पहले मकानमालिक को नोटिस देना होगा। इसमें जिला कलेक्टर को किराया अधिकारी के रूप में नियुक्त करने और किरायेदारों पर समय से अधिक रहने की स्थिति में भारी जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है।
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