नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा कश्मीरी गेट क्षेत्र के पास यमुना नदी के तल से सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को स्थानांतरित करने के एक दिन बाद, भाजपा ने कहा है कि उसने 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मुद्दे से अवगत कराया था। साथ ही इन प्रवासियों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने के लिए कहा था।
दिल्ली बीजेपी के मीडिया रिलेशंस के प्रमुख नीलकांत बख्शी ने आईएएनएस को बताया, “प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को मनोज तिवारी ने 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री के साथ एक वीडियो कॉल में उठाया था। तिवारी ने बेघर लोगों को उचित और भोजन नहीं मिलने पर भी चिंता जताई थी।”
बता दें कि बख्शी की यह टिप्पणी आईएएनएस द्वारा यमुना नदी के तल में रह रहे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा की सूचना देने वाली खबर करने के 10 दिन बाद आई है।
बख्शी ने कहा कि दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी को आईएएनएस की इस रिपोर्ट को लेकर अपडेट किया गया था, जिसमें प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला गया था। इसके बाद उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए मुख्यमंत्री के सामने यह मुद्दा रखा था।
बख्शी ने आगे कहा कि दिल्ली भाजपा प्रमुख ने फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार करने दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित रसोईघरों के बारे में भी जानकारी मांगी है। ताकि सांसद यहां जाकर निरीक्षण कर सकें और मदद कर सकें।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को इसके लिए नियुक्त किया है कि वे इन रसोईघरों को विवरण साझा करें, जहां भोजन तैयार किया जा रहा है। भाजपा नेता ने कहा, “लेकिन आश्चभर्य है कि आज तक आम आदमी पार्टी या दिल्ली सरकार द्वारा कोई सूची साझा नहीं की गई है।”
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि दिल्ली के कई लोकसभा सांसदों ने केजरीवाल से शहर की सरकार द्वारा संचालित रसोईघरों के विवरण साझा करने का अनुरोध किया है, लेकिन आज तक इसकी कोई सूची साझा नहीं की गई है।
बख्शी ने आगे कहा कि उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने 14 अप्रैल को फिर से एक वीडियो अपील के जरिए केजरीवाल से यह जानकारी साझा करने का अनुरोध किया। ताकि वे इन 500 रसोई के पोस्टर लगा सकें और लोग आप सरकार द्वारा चलाए जा रहे रसोईघरों के बारे में जान सकें।
बक्शी ने कहा, “आप सरकार लगातार दावा कर रही है कि वो 500 रसोईघर चला रही है और प्रत्येाक में कम से कम 2000 लोगों के लिए, यानि कि कुल 10 लाख लोग भोजन तैयार कर रही है। हम सिर्फ इन रसोईघरों का विवरण चाहते थे।”
प्रवासी मजदूरों का मुद्दा बुधवार को सत्तारूढ़ आप और भाजपा के बीच एक बड़े मुद्दे में बदल गया, जब शहर की सरकार पर सैकड़ों प्रवासियों की अनदेखी करने का आरोप लगा, जो पूर्वी दिल्ली को उत्तरी दिल्ली के कश्मीरी गेट (अंतरराज्यीय बस टर्मिनल) से जोड़ने वाले पुल के नीचे शरण लेने के लिए मजबूर थे।
यमुना नदी के तल को खाली करने की कार्रवाई आईएएनएस द्वारा प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा को सामने लाने के लिए रात में घटनास्थल का दौरा करने के ठीक 10 दिन बाद हुई।
ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 मार्च को घोषित 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद बिना पैसे और भोजन के यहां फंसे हुए थे।
2,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को पीने के पानी और शौचालय की कोई सुविधा नहीं होने के कारण दयनीय स्थिति में नदी के तल पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा था। भोजन के लिए उन्हेंक पास के रैन बसेरों में जाना होता था।
यह जगह केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के निवास से महज दो किलोमीटर की दूरी पर है। जहां 23 दिनों से ये मजदूर ऐसी दयनीय स्थिति में रह रहे थे।
–आईएएनएस
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