इस्लामाबाद, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रसीद ने कहा कि जब भी उलेमा (धार्मिक नेता) किसी अभियान की शुरुआत करते हैं तो इसके बाद देश में मार्शल लॉ (सैन्य शासन) लागू होता है।
केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को कहा कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजल-उर-रहमान देश की राजधानी की तरफ मार्च नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि फजल का मार्च संबंधी फैसला अभी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि फजल को अपनी प्रतिष्ठ बनाए रखने के लिए सरकार कोई उपयुक्त प्रस्ताव पेश कर सकती है।
शेख रशीद ने कहा कि वह मदरसा को लेकर चिंतित हैं और फजल का मार्च उनके खिलाफ प्रोपेगेंडा कर सकता है।
इससे पहले रक्षा मंत्री परवेज खट्टक के नेतृत्व में बनी कमेटी ने फजल से समझौते की पेशकश की थी और जिसकी बैठक रविवार को होने वाली थी, लेकिन उसे उन्होंने खारिज कर दिया। विपक्षी पार्टियां 27 अक्टूबर को राजधानी की ओर मार्च के लिए तैयारी कर रही हैं।
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