कोलकाता, 25 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद, पीवी सिंधु की खराब फॉर्म से चिंतित नहीं हैं, लेकिन उन्होंने माना है कि यह भारतीय बैडमिंटन के लिए मुश्किल समय है क्योंकि यह ओलम्पिक का साल है और सायना नेहवाल तथा किदाम्बी श्रीकांत इस समय संघर्ष कर रहे हैं।
गोपीचंद यहां टाटा स्टील साहित्य सम्मेलन में ‘ड्रीम्स ऑफ बिलियन : इंडिया एंड द ओलम्पिक गेम्स’ किताब के लांच पर आए थे।
कार्यक्रम से इतर गोपीचंद ने आईएएनएस से कहा, “सिंधु थोड़ा बहुत संघर्ष कर रही हैं, लेकिन वह ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार बड़े टूर्नामेंट्स में अच्छा किया है। यह ओलम्पिक का साल है और मुझे भरोसा है कि, हमें पता कि हमें कहां काम करना है तो हम इस बात का समाधान निकाल लेंगे।”
सिंधु ने बीते साल विश्व चैम्पियनशिप का खिताब जीता था। वह इस समय क्वालीफिकेशन रैंकिंग में छठे स्थान पर हैं जबकि सायना 22वें। सायना को क्वालीफिकेशन पीरियड खत्म होने तक 16वें स्थान पर आना होगा। यह पीरियड अप्रैल में खत्म होगा और तब टोक्यो के लिए भारतीय दल का चुनाव होगा।
श्रीकांत की रैंकिंग में भी यहां 26वीं है। उन्हें भी 16 स्थान के अंदर आना होगा।
गोपीचंद ने कहा, “यह मुश्किल समय है। क्वालीफिकेशन खत्म होने में सात-आठ टूर्नामेंट बचे हैं और उन्हें वाकई अच्छा खेलना होगा। मुझे लगता है कि श्रीकांत के सामने मुश्किल टास्क है।”
उन्होंने कहा, “पिछले दो टूर्नामेंट अच्छे नहीं गए हैं लेकिन फिर भी मुझे उम्मीद है कि यह लोग वापसी करेंगे और कुछ अच्छे प्रदर्शन करेंगे।”
कोच ने कहा, “सायना के एक-दो अच्छे प्रदर्शन उन्हें ओलम्पिक कोटा दिला देगा। उन्होंने मलेशिया ओपन में एन से यंग जैसी खिलाड़ी को हराया है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले टूर्नामेंट्स में वह मजबूत वापसी करेंगी।”
अपनी किताब में गोपीचंद ने लिखा है कि वह सायना के प्रकाश पादुकोण अकादमी जाने से कितना निराश थे। गोपीचंद ने भारत की पहली ओलम्पिक पदक विजेता सायना की तारीफ करते हुए कहा, “रियो ओलम्पिक-2016 से उन्होंने अच्छी वापसी की है। 2017 में उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीता और 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों तथा एशियाई खेलों में पदक अपने नाम किया।”
उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर उन्होंने अच्छा किया है और उन्होंने लंबे समय से देश की सेवा की है। अगर आप 2009 से 2019 तक से उनके प्रदर्शन को देखेंगे तो पता चलेगा कि वह लगातार शीर्ष-10 रैंकिंग में रही हैं।”
गोपीचंद ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों में टोक्यो ओलम्पिक में अच्छा करने की काबिलियत है।
उन्होंने कहा, “ओलम्पिक का प्रारूप ऐसा है कि जो खिलाड़ी अच्छी तैयारी करके जाता है उसकी संभावनाएं रहती हैं। अंत में दो अच्छे मैच आपको पदक राउंड तक पहुंचा सकते हैं। मुझे लगता है कि हमारे सभी खिलाड़ियों में यह काबिलियत है। मैं क्वालीफिकेशन खत्म होने का इंतजार कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि हमारे खिलाड़ियों की संख्या ज्यादा होगी।”
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