2019 लोकसभा चुनाव का दौर जारी है। लोकतंत्र का महापर्व लगभग अपने अंतिम पड़ाव पर है। केवल दो चरणों के मतदान शेष है। 19 मई को उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाज़ीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज में वोट डाले जाएंगे। ऐसे में यूपी की राजनीति में पूर्वांचल का हमेशा से अपना अलग महत्व रहा है। पूर्वांचल में देखा जाए तो यहां बीजेपी को गठबंधन से कड़ी टक्कर मिल रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर से सटी देवरिया लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी ने रमापति राम त्रिपाठी को मैदान में उतारा है। न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार देवरिया में लगी एक होर्डिंग सुर्खियों में बनी हुई है। इस जिले में भाजपा के प्रत्याशी रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया जिले मे भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकी कोआपरेटिव बैंक चौराहे पर लगी विवादित होर्डिंग की जानकारी मिलते ही देवरिया प्रशासन ने उसे उतार दिया।
खबर के मुताबिक देवरिया बचाओं मंच के बैनर तले लगे इस होर्डिंग में लिखा है- क्षत्रियों को जूता मारने वाला बेटा और व्यापारियों, महिलाओं को धमकी देने वाला बाप, खलीलाबाद से भगाए जाने के बाद अब देव भूमी देवरिया के वोटरों को चारा डालने आया है। फैसला आपका, आखिर देवरिया है आपका।
खबरों की मानें तो गोरखपुर और आसपास के इलाके में ठाकुर और ब्राह्मण वर्चस्व की लड़ाई पुरानी है। अब जूता कांड के बाद दोनों खेमे एक-दूसरे के सामने आ गए हैं।
आपको बता दें कि पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर रमापति राम राज्य बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष हैं। वो वर्तमान में यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं। उनके पुत्र शरद त्रिपाठी 2014 में संत कबीर नगर से सांसद चुने गए थे। लेकिन हाल ही बीजेपी के ही एक विधायक के साथ मार-पीट के मामले को लेकर शरद त्रिपाठी को अपना टिकट गंवाना पड़ा है। अब उनकी सीट पर बीजेपी ने प्रवीण निषाद को खड़ा किया है।
देवरिया के पिछले चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्ता में फिर से लौटने के लिए बीजेपी को यह सीट हर हाल में जीतनी होगी, लेकिन आम चुनाव से पहले सपा-बसपा के बीच चुनावी गठबंधन के बाद मुकाबला रोचक हो गया है।
गौरतलब है कि देवरिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें देवरिया, तमकुही राज, फाजिलनगर, पथरदेवा और रामपुर कारखाना शामिल हैं। यहां से एक भी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं है। आपको बता दें कि बीजेपी ने कद्दावर नेता रमापति राम त्रिपाठी को सीट से उतारा गया है। रमापति राम बीजेपी के पुराने नेता हैं और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं।
This post was last modified on May 9, 2019 1:03 PM
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