उप्र : होमगार्ड्स की फर्जी ड्यूटी दिखाकर वेतन हड़पने का मामला

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 लखनऊ, 13 नवम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में भविष्य निधि घोटाले के बाद अब यूपी होमगार्ड के जवानों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर वेतन हड़पने बड़ा मामला सामने आया है।

 गौतमबुद्घनगर जिले में दो महीने की जांच में इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इस घोटाले की जांच के लिए शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर 10 दिनों में रिपोर्ट मांगी है।

मामले पर मीडिया से बातचीत में होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में होमगार्ड के वेतन का ऑडिट करवाया जाएगा और फर्जीवाड़े की जांच डीआईजी होमगार्ड करेंगे।

इस मामले में पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह के निर्देश पर एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

होमगार्ड विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार का कहना है, “अभी नोएडा में इस तरह की गड़बड़ी की सूचना मिली है। हो सकता है कि अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले हों, जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों की भी जांच कराई जाएगी।”

उन्होंने बताया कि डीजी होमगार्ड के सीनियर स्टाफ अफसर सुनील कुमार, मीरजापुर के वरिष्ठ जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह और बागपत की जिला कमांडेंट नीता भारती को जांच के लिए नोएडा भेजा गया है।

नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया, “होमगार्ड विभाग के एक प्लाटून कमांडर ने इसकी शिकायत की थी। इसके बाद जिले स्तर पर सैंपल के लिए सात थानों में दो माह (मई व जून) के दौरान लगाई गई होमगार्डो की ड्यूटी की जांच कराई गई। इसमें करीब आठ लाख रुपये का घपला सामने आया।”

उन्होंने कहा, “कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां थानों में दो होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई और 10 होमगार्ड की ड्यूटी दिखाकर वेतन लिया गया। इसके लिए थाने की फर्जी मोहर का इस्तेमाल किया गया।”

उन्होंने कहा कि यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है, और इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है।

नोएडा में होमगार्डो की फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने के मामले में डीजीपी के निर्देश पर नोएडा में एफआईआर दर्ज हो गई है। वहीं होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने अहम बैठक बुलाई है। विधानसभा कार्यालय में बैठक में डीजीपी होमगार्ड को तलब किया गया है।

ज्ञात हो कि होमगार्डो की ड्यूटी रोजाना लगाई जाती है। इसके लिए होमगार्ड के अधिकारी मास्टर रोल तैयार करते हैं। इसी में खेल किया गया। अगर किसी थाने या ऑफिस में पांच होमगार्डो की जरूरत है, तो मास्टर रोल पर पांच के बजाय 10 या 12 होमगार्ड को ड्यूटी पर दिखाया जाता था। इसके लिए संबंधित थाने व दफ्तर की फर्जी मुहर इस्तेमाल की जाती थी। इसके एवज में उन होमगार्डो को भी कुछ पैसे मिलते थे, जिनका फर्जी मास्टर रोल पर नाम होता था।

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