इटावा, 19 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में सरसई नाहर झील में एक लुप्तप्राय प्रजाति के करीब 13 कछुए मृत मिले हैं। सरसई नाहर को पिछले साल रामसर साइट घोषित किया गया था।
मृत कछुओं की पहचान इंडियन फ्लैप शेल कछुओं के रूप में की गई है।
घटनास्थल का दौरा करने वाली वन विभाग की टीम ने मृत कछुओं को ऑटोप्सी के लिए वेटरिनरी हॉस्पिटल भेज दिया है।
जिला वन अधिकारी, इटावा, राजेश वर्मा ने कहा, हाल ही में, कानपुर में जब्त किए गए लगभग 1,324 कछुओं को जिले की सरसई नवार झील में छोड़ा गया। ऐसा प्रतीत होता है कि जितने कछुए मारे गए, उनमें से अधिकांश उसी से हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, लेकिन यह पहलू जांच का विषय है। इसके अलावा, हमें कछुओं की मौत का वास्तविक कारण जानने के लिए शव परीक्षण रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। झील से पानी का नमूना भी एकत्र किया गया है और फोरेंसिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
वर्मा ने कहा, बचाव दल के अनुसार, मरने वाले कछुओं की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि मृत कछुओं की गिनती अभी जारी है और इस संबंध में आगे की जांच जारी है।
कछुओं की मौत की सूचना सबसे पहले मंगलवार को मिली और उसके बाद संख्या बढ़ती रही।
विशेषज्ञों का विचार है कि हाल के वर्षों में इतनी बड़ी संख्या में कछुए झील में मृत नहीं पाए गए हैं।
सोसाइटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के एक अधिकारी ने कहा कि जब्त कछुओं के पुनर्वास पर एक विस्तृत प्रोटोकॉल की आवश्यकता है। यह काफी संभव है कि इन कछुओं में से अधिकांश की शिकारियों द्वारा खराब स्थिति में रखने के सदमे से मृत्यु हो गई है। स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के अभाव में, जब्त कछुओं की उच्च मृत्यु दर काफी हद तक संभव है।
उन्होंने कहा कि उन्हें पहले उचित मेडिकेशन की आवश्यकता होती है और पुनर्वास केंद्रों पर रखा जाना चाहिए।
–आईएएनएस
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