लखनऊ, 21 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य को औद्योगिक प्रदेश बनाने का महाभियान शुरू हो गया है। सरकार प्रदेश में निवेश का उत्तम वातावरण सृजित करने के लिए शुरू से ही प्रयासरत रही है। तीन सालों में बहुत कुछ बदला है, बदलाव की यह प्रक्रिया जारी है।
मुख्यमंत्री योगी उच्चस्तरीय प्राधिकृत समिति (प्रदेश स्तरीय उद्योग बंधु) की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “बेहतर कानून व्यवस्था, सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए नई औद्योगिक नीति का नतीजा है कि हम राष्ट्रीय स्तर पर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 12वें पायदान से नंबर दो पर आ चुके हैं। फरवरी, 2018 की इन्वेस्टर समिट में बदले माहौल और नीतियों का नतीजा भारी निवेश के रूप में दिखा। हम उद्यमियों का स्वागत करते हैं। आप आइए, आपकी हर समस्या तय समय में दूर होगी। उत्तर प्रदेश को औद्योगिक प्रदेश बनाने का महाभियान शुरू हो गया है।”
फिक्की, एसोचौम, सीआईआई, लघु उद्योग भारती और आईआईए जैसे औद्योगिक संगठनों के प्रमुखों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने उप्र को निवेशक फ्रेंडली प्रदेश बनाने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्च रिंग, आईटी, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, वस्त्रोद्योग, पर्यटन और फिल्म आदि क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश में पारंपरिक निवेश के अवसरों के अतिरिक्त सौर ऊर्जा, जैव ईंधन और नागरिक उड्डयन में उपलब्ध असीम संभावनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। डिफेंस एवं एयरोस्पेस, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, डेटा सेंटर, इलेक्ट्रिक वाहन, फार्मास्युटिकल उद्योग जैसे सेक्टर अब राज्य में निवेश के नए केंद्र हैं। दादरी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और बोडाकी में ट्रांसपोर्ट हब, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को उत्तरी भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करेंगे।
उन्होंने कहा कि जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण के साथ ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे के पास का क्षेत्र एक आकर्षक निवेश मंजिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (2017) के साथ 20 से अधिक क्षेत्र-विशिष्ट निवेशोन्मुखी नीतियों के पारदर्शी कार्यान्वयन से राज्य सरकार रोजगार सृजन के लिए निवेश और ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकसित की जा रही डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इससे मेक इन इंडिया डिफेंस के लिए राज्य में विद्यमान विशाल एमएसएमई आधार को लाभ मिलेगा। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। नए निवेशकों के लिए प्रदेश में 20,000 एकड़ का एक लैंडबैंक तैयार है। इसके अलावा, राज्य सरकार एक व्यापक लैंडबैंक पॉलिसी बनाने जा रही है, जिसमें लैंड लीजिंग, लैंड पूलिंग, एक्सप्रेस-वे के किनारे तेजी से भूमि अधिग्रहण, अतिरिक्त भूमि की सब-लीजिंग आदि विषय शामिल होंगे।
उन्होंने निवेशकों से कहा, “उत्तर प्रदेश आपकी निवेश योजनाओं, सीएसआर गतिविधियों, नवाचार (इनोवेशन) और उद्यमशीलता का सहयोग चाहता है।”
मुख्यमंत्री ने गैर-आईटी आधारित स्टार्ट-अप्स को भी प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट-अप नीति के दायरे का विस्तार करते हुए यूपी स्टार्ट-अप नीति-2020 और यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति-2020 जैसी नई नीतियों की घोषणा भी की गई है। इसके अलावा, डेटा सेंटर नीति, फार्मा और नई खाद्य प्रसंस्करण नीति भी शीघ्र घोषित की जाने वाली है।
–आईएएनएस
वीकेटी/एसजीके
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