उप्र में फर्जी मतदान रोकेगा आयोग : अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (आईएएनएस सक्षात्कार)

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लखनऊ, 22 मार्च (आईएएनएस)| आम चुनाव की तिथियों के ऐलान के बाद निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिए आयोग जहां एक तरफ जनजागरण कर रहा है, वहीं फर्जी मतदान रोकने के लिए भी सभी संभव प्रयास कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने आईएएनएस ने खास बातचीत में कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए फर्जी मतदान पर पूर्णतया रोक लगाई जाएगी। जिस मतदाता का जहां नाम है, वहीं पर वोट डाले। कहीं कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसको लेकर आयोग व्यवस्था पर अपनी पैनी नजर रखे हुआ है।

उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने अपने मूल निवास के अलावा व्यापार या नौकरी करने वाले स्थान की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया है। मतदाता मौजूदा समय में जहां निवास कर रहे हैं, वहीं मतदान के अधिकारी हैं। इस बार मतदाता सूची को पूर्णतया दुरुस्त किया गया है। लोगों में जागरूकता लाई जा रही है। जहां नाम दर्ज है, वहीं से मतदान करने की अपील की जा रही है।

मिश्र ने बताया कि फोटो निर्वाचक नामावली में सुधार कार्य किया जा रहा है। मतदाता सूची से मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित मतदाताओं के साथ ही दो स्थानों पर दर्ज नामों को हटाया जा रहा है। एक से अधिक स्थान पर दर्ज मतदाताओं के नाम फॉर्म-7 भरकर अन्य जगह से हटवाने का प्रयास शुरू है। प्रभावी ढंग से यह काम हो रहा है। इस बार सफलता भी मिलेगी। फर्जी मतदान भी रुकेगा। चुनाव मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में उपाय भी शुरू हैं।

उन्होंने बताया कि स्वीप के माध्यम से वोट डालने को जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश के मतदताओं की भागीदारी बढ़ाने को स्कूल, कॉलेजों और विवि में अभियान शुरू है। समाजसेवी संगठन, कठपुतली और नुक्कड़ नाटक, गीत, संगीत का सहारा लिया जा रहा है। गांव-गांव के चौपाल में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। चुनाव में संभावित गड़बड़ी को रोकने और पारदर्शिता लाने को इस बार ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाई जा रही है।

मिश्र ने बताया कि तीसरे लिंग (थर्ड जेंडर) को सूची में अलग से जोड़ा गया है। दिव्यांगों के लिए रैम्प बनावाए जा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा व्हील चेयर के इंतजाम हैं। नोटा एक विकल्प के तौर पर है। इसके प्रयोग करने पर आयोग की तरफ से कोई मनाही नहीं है।

अपर निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस बार चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर विशेष नजर रहेगी। व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक आदि पर चुनाव के दौरान आपत्तिजनक सामग्री का प्रसारण न सिर्फ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि इसे लॉ एंड ऑर्डर प्रभावित करना भी माना जाएगा। किसी भी ऐसी घटना के बाद तत्काल प्रभावी कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराना आयोग का संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य है। इसके प्रति वह जागरूक है। प्रत्येक मतदाता से अपेक्षा है कि वह एक ही केंद्र पर मतदान करे। एक व्यक्ति का कई स्थानों की मतदाता सूची में नाम होना गलत है।

 

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