लखनऊ, 12 जनवरी (आईएएनएस)| वृक्षारोपण के मामले में उत्तर प्रदेश अब सुंदर प्रदेश में बदल जाएगा। प्रदेश सरकार ने एक सड़क एक पेड़ के सिद्धांत का पालन करने का निर्णय लिया है, जिससे पेड़ के बड़े होकर अपने आकार में आने पर न सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि यह लोगों के लिए सड़क मार्ग का काम भी करेगा। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (समाजिक वनीकरण) प्रभाकर दुबे ने कहा कि जहां शहरी विकास विभाग वृक्षारोपण कर उनकी देखभाल करेगा, वहीं योजना की जिम्मेदारी वन विभाग पर है, जिसमें उसे वृक्षों की प्रजाति तय करना, उन्हें नरसरी में उगाने और उन्हें शहरी विकास विभाग को सुपुर्द करना होगा।
उन्होंने कहा कि इसकी योजना बनाई जा रही है, लेकिन यह इस साल मॉनसून से लागू कर दी जाएगी।
एक सड़क एक पेड़ सिद्धांत कई शहरों में उपयोग किया गया है, जिसमें एक सड़क या गली में किसी फूल वाली प्रजाति के पेड़ों को रोपा जाता है। इसके बाद उसके पत्ते या फूल से क्षेत्र की पहचान की जाती है।
दुबे ने आगे कहा, “हमने इससे पहले लखनऊ में कुछ सड़कों पर इसका पालन किया था। इस बार हम पूरी राजधानी में इसे लागू करने की कोशिश करेंगे। सत्र 2015-16 में राजभवन की सुंदरता बढ़ाने के लिए मुलसरी या मौलश्री के पेड़ कतार में लगाए गए थे। छोटे, चमकदार पत्तियों वाला यह बेशकीमती सजावटी प्रजाति मुगलों द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की गई थी।”
प्रदूषण को मात देने के लिए घनी पत्तियों वाले पेड़ लगाए जाएंगे।
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