बिजनौर / लखीमपुर (उत्तर प्रदेश), 3 जून (आईएएनएस)। बिजनौर में एक गन्ने के खेत से करीब एक सप्ताह के तेंदुए के तीन शावकों को बचाया गया है, वहीं लखीमपुर जिले में एक बाघ शावक मृत पाया गया है।
ऐसा लगता है कि धामपुर वन परिक्षेत्र के सलावा गांव में जन्म के बाद तीनों शावकों को उनकी मां ने छोड़ दिया।
बिजनौर के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) एम.सेमरन ने कहा, “हमने मंगलवार को तीन तेंदुओं को बचाया है। उनको चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। जब खुद रह पाने में सक्षम हो जाएंगे तो हम उन्हें इटावा लायन सफारी में शिफ्ट कर देंगे।”
शावकों को बिजनौर के प्रभागीय वन कार्यालय में ले जाया गया है, जहां उनकी देखभाल वन कर्मचारियों द्वारा की जा रही है।
पिछले सप्ताह भी एक महीने के एक और तेंदुआ शावक को बचाया गया था। उसे इटावा लायन सफारी भेजा गया है।
मंगलवार को दुधवा टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के बाहर गोला इलाके में एक सिंचाई नहर से बाघ के शावक का शव निकाला गया है। यह क्षेत्र जो सामाजिक वानिकी क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
उप प्रभागीय अधिकारी रवि शुक्ला ने संवाददाताओं को बताया, “शावक समय से पहले पैदा हुआ था और संभवत: जटिलताओं के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी। शव लगभग 3-4 दिन पुराना है और सड़ना शुरू हो गया है। हम सभी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं और शव परीक्षण के लिए भेज दिया है।”
जंगलों की गोला रेंज से सटे बखखरी गाँव के एक किसान ने शव को देखा, जिसने वन कर्मचारियों को सूचित किया था।
–आईएएनएस
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