उप्र में उपचुनाव के लिए पार्टियों ने बिसात बिछानी शुरू की

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लखनऊ, 28 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में आठ सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। तिथियां हालांकि अभी नहीं घोषित हुई हैं, फिर भी सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी विसात बिछानी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने तो अपने दो सीटों पर उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। बसपा ने सभी सीटों पर प्रभारी बना दिए हैं। वहीं आगे चलकर उम्मीदवार भी हो जाएंगे। भाजपा ने तो बहुत पहले से अपनी तैयारी तेज कर रखी है।

समाजवादी पार्टी ने जहां पर उपचुनाव होने हैं, वहां वर्चुअल बैठकें और प्रदेश अध्यक्ष ने दौरा भी शुरू किया है। कुछ पदाधिकारियों को जिम्मेदारी भी दी गई है।

उधर, भाजपा अपनी तैयारियों के लिए खुलकर मैदान में डटी है। हर सीट पर एक मंत्री और एक संगठन के पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। संगठन की ओर से स्थानों पर स्वयं प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव ने दौरा करना शुरू किया है, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जौनपुर, देवरिया, बांगरमऊ व उन्नाव खुद पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने योजनाओं की झड़ी लगाकर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी दिया है। संगठन महामंत्री सुनील बसंल भी लगातर कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं। संपर्क अभियान भी शुरू हो चुका है।

कांग्रेस ने रामपुर की स्वार सीट पर हैदर अली खां उर्फ हमजा को और उन्नाव की बांगरमऊ सीट से वाजपेयी को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है। दोनों सीटों पर कांग्रेस ने अपने पुराने व दिग्गज राजनीतिक परिवारों पर भरोसा जताया है। आरती के दादा उमाशंकर दीक्षित गांधी नेहरू परिवार के काफी नजदीक थे। वे काफी कद्दावर नेता माने जाते थे। पार्टी ने इसी तरह रामपुर सीट पर मिक्की मियां की तीसरी पीढ़ी को मैदान में उतारा है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आठों सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए बाकायदे प्रभारी भी घोषित किए हैं।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक पदाधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि पार्टी जिसे प्रभारी बनाती है, उसे ही अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया जाता है। बसपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशी चयनित कर लिए हैं। उनकी घोषणा बाकी है। इस बार हर सीट पर जीतने वाले प्रत्याशी को मैदान पर उतारा जा रहा है। हर कैडर के हिसाब से रणनीति बनाई जा रही है।

जिन आठ सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें जौनपुर की मल्हानी और रामपुर की स्वार सीटें सपा के पास थीं। बाकी 6 सीटें भाजपा के पास थीं। बसपा अगर एक भी सीट पर चुनाव जीतती है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा। अभी तक जो नाम सामने आ रहे हैं, उनमें से कानपुर की घाटपुर सीट के लिए कुलदीप संखवार और देवरिया से अभयनाथ त्रिपाठी का प्रमुखता से हैं। हालांकि इसी प्रकार करीब सभी सीटों पर नाम तय हो गए हैं, लेकिन पार्टी की ओर से अभी कोई घोषणा नहीं की गई है।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि आमतौर पर उपचुनाव सत्तारूढ़ दल का इम्तिहान माना जाता है। यूपी में विधानसभा चुनाव साल 2022 में होने हैं। ऐसे में इस उपचुनाव से आगे का रुख पता चलेगा। विपक्ष के लिए भी अपने को जनता के सामने कितना खरा साबित करने का यह यह बेहतरीन मौका होगा। उपचुनाव के परिणाम आगे आने वाले चुनाव के लिए बड़ा संकेत देगा।

–आईएएनएस

वीकेटी/एसजीके

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