लखनऊ, 5 फरवरी (आईएएनएस)| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 52 साल के अहमद नबी को आगरा में सीएए विरोधी प्रदर्शन में भाग लेने से जुड़े मामले में जमानत दे दी है। जमानत 29 जनवरी को दी गई थी, लेकिन मंगलवार दोपहर बाद उनके वकील को इसकी प्रति उपलब्ध कराई गई।
नबी के वकील प्रीतम यादव ने संवाददाताओं को बताया, “अहमद नबी ने कोई अपराध नहीं किया। वह न तो विरोध मार्च का हिस्सा थे और न ही वह किसी भी तरह से सीएए-एनआरसी के खिलाफ किए जा रहे मार्च में शामिल थे।”
एफआईआर के अनुसार, “कैंसर के मरीज अहमद नबी और 19 वर्षीय फराज खान, जो कि वुडशॉप के मालिक के भतीजे हैं, जिनकी दुकान में तोड़फोड़ की गई थी और भारी पुलिस बल के सामने आग लगा दी गई थी, वे 20 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शनों को भड़काने के मामले में मुख्य अभियुक्त थे।”
स्थानीय प्रशासन ने फिरोजाबाद जिला अदालत से दो बार ध्यान दिलाने और मीडिया में कई रिपोटरें के बाद एस.एन. मेडिकल कॉलेज में अहमद नबी को भर्ती कराने के मामले में संज्ञान लिया, जिन्हें पुलिस की कथित कार्रवाई में कई फ्रैक्चर आ गए थे।
सर्जरी के बाद, नबी अभी भी एस. एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा में भर्ती हैं।
इस बीच, नबी के भाई वकील नबी ने कहा, “अब, हम उसे रेडियोथेरेपी के लिए ले जा सकते हैं, जो एक महीने से अधिक समय से लंबित है।”
रसूलपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले हाजीपुरा इलाके में अहमद नबी का क्रॉकरी स्टोर है, जहां 20 दिसंबर को हिंसा भड़की थी।
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