वाराणसी हुआ देश का सबसे प्रदूषित शहर, टूटी सड़कें बनी बड़ा कारण

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केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) की मॉनीटरिंग में मंगलवार को वाराणसी शहर को देश का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया। नमी और धूल के कारण यहां प्रदूषण बढ़ा है। सोमवार की रात 12 से सुबह चार बजे और सुबह आठ से दोपहर 12 बजे के बीच पीएम 2.5 व पीएम 10 की घनत्व प्रति मीटर 300 के पार रहा। इसके पीछे वाराणसी की टूटी सड़के बड़ा कारण हैं।

गौरतलब है कि मौसम में बदलाव के कारण आमतौर पर इन दिनों गुणवत्ता खराब हो जाती है। ऐसे में बादल व वातावरण में नमी के कारण प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के अनुसार प्रति घन मीटर पीएम 2.5 और पीएम 10 की औसत मात्रा क्रमश: 243 और 227 तक रही लेकिन अलग-अलग समय पर इनका घनत्व खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा रात 12 से सुबह चार बजे तक, फिर सुबह आठ से दोपहर 12 बजे के बीच बढ़ी है।

देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहर

  • शहर                 एक्यूआई
  • वाराणसी           276
  • लखनऊ            269
  • यमुनानगर        264
  • मुजफ्फरनगर  266
  • मुजफ्फरपुर     262

रात में नमी और ट्रकों के आवागमन से प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। मंगलवार को पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा अलग-अलग समय पर क्रमश: 359 और 369 तक पहुंच गई थी। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कालिका सिंह ने विकास कार्य में बरती जा रही जरूरी सावधानियों का पालन न होने को भी कारण बताया। बता दें कि मंगलवार को लखनऊ दूसरा और मुजफ्फरनगर तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा।

टूटी सड़कें प्रदूषण का बड़ा कारण

वाराणसी शहर में वायु प्रदूषण पिछले कुछ दिनों से तेजी से बढ़ने लगा है। पिछले एक सप्ताह में इसमें काफी बढ़ोतरी हो गई है। इसका कारण शहर की सड़कों की खुदाई के चलते उड़ रही धूल और जगह-जगह निर्माण कार्य हैं। प्रति घन मीटर पीएम 2.5 और पीए 10 की मात्रा तेजी से बढ़ी है। अमूमन हर दिन इनकी मात्रा काफी अधिक बढ़ रही है। पिछले छह दिन का आंकड़ा देखें तो 16 अक्तूबर को पीएम 2.5 की मात्रा प्रति घन मीटर 331 तक पहुंच गई थी, 13 अक्तूबर को पीए 10 की मात्रा 319 तक पहुंच गई थी विशेषज्ञों के अनुसार, धूल-धुआं कम न हुआ तो तापमान गिरने के साथ प्रदूषण बढ़ता जायेगा।

400 के पार जाते ही खतरनाक स्थिति

पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा प्रति घन मीटर 400 के पार पहुंचते ही प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जायेगा। 0 से 50 तक अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक मध्यम, 201 से 300 तक खराब, 301 से 400 तक बहुत खराब, 401 से 500 तक खतरनाक स्तर। यानी इसमें स्वस्थ व्यक्ति भी कई तरह की बीमारियों से घिर सकता है।

This post was last modified on October 23, 2019 12:31 PM

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