बीजिंग, 12 अगस्त (आईएएनएस)| चीनी स्टेट काउंसिलर व विदेश मंत्री वांग यी ने 12 अगस्त को पेइचिंग में भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर के साथ वार्ता की। वांग यी ने कहा, “वर्तमान की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। चीन व भारत विश्व में बड़ी जनसंख्या वाले विकासशील देश व नवोदित आर्थिक समुदाय के रूप में विकास के नये चरण में गुजर रहे हैं। दोनों देश शांतिपूर्ण सहअस्तितव के पांच सिद्धांतों के आधार पर मैत्रीपूर्ण ढंग से रहते हैं, और आपसी लाभदायक सहयोग करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह न सिर्फ दोनों देशों की जनता के बुनियादी व दीर्घकालीन हितों से मेल खाता है, बल्कि विश्व शांति व मानव की प्रगति के लिए नया योगदान भी देगा। दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण सहमति को लागू करना, दोनों देशों के संबंधों में सुधार में प्राप्त उपलब्धियों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही आपसी विश्वास को मजबूत करते हुए सहयोग को गहन करने और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ व स्थिर विकास के लिए लगातार नई शक्ति डालनी चाहिए।”
एस.जयशंकर ने कहा, “वर्तमान विश्व में अनिश्चितता भरी हुई है। भारत-चीन संबंधों का वैश्विक राजनीति में अपना विशेष स्थान है। गत वर्ष दोनों देशों के नेताओं ने वूहान में सफलता से अनौपचारिक भेंट की। जिसने भारत-चीन संबंधों के विकास को मजबूत किया है। भारत इस वर्ष भारत में नेताओं की दूसरी अनौपचारिक भेंट की प्रतीक्षा में है। भारत चीन के साथ घनिष्ठ आदान-प्रदान करना चाहता है। ताकि भेंट सफलता से आयोजित हो सके, और दोनों देशों के संबंध एक नई मंजिल पर पहुंच सके।”
उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों का मानना है कि अगले साल चीन-भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर महत्वपूर्ण संस्थागत संवाद की भूमिका निभानी चाहिए। व्यापार, निवेश, उत्पादन क्षमता, पर्यटन, सीमा व्यापार में सहयोग का विस्तार करते हुए रक्षा आदान-प्रदान को भी मजबूत बनाना है। भारत दूसरे चीन अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो में सक्रिय रूप से भाग लेगा।”
जयशंकर ने कहा, “दोनों पक्षों का मानना है कि उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच एकजुटता व सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। बहुपक्षीयता और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को बनाए रखना आवश्यक है, जबकि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों का पालन करते हुए विकासशील देशों में चीन व भारत की राष्ट्रीय स्थिति और विश्व व्यापार संगठन में अपने विकास व वैध हितों की रक्षा करनी है।”
वांग यी ने कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर भारत के एकतरफा कदमों पर चीन का राजनीतिक रुख बताया और उम्मीद जताई कि भारत क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभा सकेगा।
एस. जयशंकर ने इस पर कहा कि “भारत संयम बनाए रखते हुए पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए तैयार है। इसके साथ ही भारत-चीन सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए भारत दोनों पक्षों के बीच हासिल सहमति का पालन करेगा और चीन के साथ परामर्श के माध्यम से सीमा मुद्दे को ठीक ढंग से सुलझाता रहेगा।”
(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…