Vaikuntha Ekadashi 2020: आज 6 जनवरी को वैकुंठ पुत्रदा एकादशी है। प्रति वर्ष यह पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पड़ती है। इसे पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
वैकुंठ एकादशी का दिन वैष्णव धर्म के अनुयायियों के लिए शुभ होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ‘वैकुंठ द्वारम’ यानी भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुण्ठ धाम का प्रवेश द्वार खुलता है, इसलिए ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो व्रत रखता है उसे मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। भारत के दक्षिणी राज्यों में इस एकादशी को अक्सर ‘मुकोटि एकादशी’ (Mukkoti Ekadashi) के रूप में जाना जाता है और इसे तमिलियन कैलेंडर में ‘मार्गाज़ी’ (Margazhi) के महीने में मनाया जाता है। केरल में वैकुंठ एकादशी को ‘स्वर्गाथिल एकादशी’ (Swargavathil Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु के मंदिरों में विशेष प्रार्थना, प्रवचन, भाषण और यज्ञ का आयोजन किया जाता है। दक्षिण भारत कम मंदिरों में इस एकादशी के दिन विशेष पूजा आयोजित की जाती है।
वैकुंठ एकादशी के दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं और कठोर व्रत रखा जाता है। एकादशी पर पूर्ण व्रत का पालन किया जाता है। उपवास करने में असक्षम लोग फल और दूध भी खा सकते हैं। किसी भी एकादशी पर चावल और अनाज खाने की अनुमति नहीं है। वैकुंठ एकादशी के दिन भगवन विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। एकादशी की रात जागरण कर भगवान विष्णु की कथा और भजन किया जाता है। वैकुंठ एकादशी के दिन वैकुंठ धाम के द्वार खुल जाते हैं, इसलिए शाम को बड़ी संख्या में भक्त भगवान विष्णु मंदिरों में जाते हैं।
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