तमिलनाडु: वीरप्पन की बेटी को बीजेपी ने बनाया युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष, बोलीं- मुझे PM मोदी पसंद

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तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने राज्य की कार्यकारी समिति में कई बदलाव किए हैं। दक्षिण भारत में आतंक का पर्याय रहे चंदन तस्कर वीरप्पन की बेटी विद्या वीरप्पन भाजपा की तमिलनाडु युवा मोर्चा की नई उपाध्यक्ष बनाई गई हैं। विद्या रानी को राज्य पार्टी नेतृत्व द्वारा एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी नियुक्ति के बारे में पता चला। 29 साल की कानून स्नातक कृष्णागिरी में ‘स्कूल फॉर किड्स’ का संचालन करती हैं।

बता दें कि वीरप्पन 150 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार था जिसमें पुलिस और वन अधिकारी मौजूद थे। वीरप्पन के ऊपर 100 से ज्यादा हाथियों का अवैध शिकार करने और चंदन की लकड़ियों की तस्करी के भी आरोप थे। इस दुर्दांत अपराधी को पुलिस ने साल 2004 में मुठभेड़ में मार गिराया था।

पार्टी में नई जिम्मेदारी मिलने पर वीरप्पन की बेटी का कहना है कि उनका सरनेम (उपनाम) एक नए भविष्य का संकेत है। उन्होंने कहा, ‘मैं किसी विशिष्ट समुदाय से ताल्लुक नहीं रखती हूं। मुझे मानवता पर विश्वास है।’

बता दें कि विद्या फरवरी में भाजपा में शामिल हुई थीं। अंग्रेजी वेबसाइट रेडिफ डॉट कॉम से बातचीत करते हुए वीरप्पन की बेटी विद्या ने बीजेपी में शामिल होने की वजह बताई। उन्होंने कहा, ‘मैं पीएम नरेंद्र मोदी को पसंद करती हूं इसलिए मैं बीजेपी में शामिल हुई। पीएम मोदी बेहद सख्त मिजाज के हैं। वो हमेशा एक्टिव रहते हैं साथ ही वो हमेशा सही काम करते हैं।’ जब उनसे पूछा गया कि आखिर वो AIADM और DMK जैसी पुरानी पार्टी में क्यों शामिल नहीं हुईं? तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए खुद कॉल आया था और ये उनके लिए सम्मान की बात है।

गौरतलब है कि विद्या के बीजेपी में शामिल होते ही उनके पिता के बारे में बातें होनी लगीं। उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें केवल एक बार स्कूल की छुट्टी के दौरान देखा था, जब मैं कर्नाटक में अपने दादा के गांव गोपीनाथम में थी। वहां पास में एक जंगल था। मैं उस समय मु्श्किल से छह या सात सात की थी। मैं जहां खेल रही थी वो वहां पर आए, मुझसे कुछ मिनट बात की और फिर चले गए। मुझे याद है कि उन्होंने मुझसे अच्छा करने, डॉक्टर बनने और लोगों की सेवा करने के लिए पढ़ाई करने को कहा था।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन जब तक मैंने दुनिया को जानना शुरू किया, वे अपना जीवन जी चुके थे। मुझे लगता है कि उनके आस-पास की परिस्थितियों के कारण उन्होंने गलत रास्ता चुना था। लेकिन मैंने उनके बारे में कुछ कहानियां सुनी हैं जिसने मुझे समाज सेवा करने के लिए प्रेरित किया।’

बताते चलें कि वीरप्पन साल 2000 में उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में छाया था जब उसने कन्नड़ फिल्मों के अभिनेता राजकुमार का अपहरण कर लिया था और उन्हें कुछ हफ्तों बाद छोड़ दिया था। इसके चार साल बाद तमिलनाडु पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स ने के विजय कुमार के नेतृत्व में उसे मुठभेड़ में मार गिराया था।

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