सिडनी, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)| ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा कठोर नियम लाने पर विचार कर रही है जो सरकारी जांच एजेंसियों को व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के मैसेजों पर निगरानी करने का अधिकार देगा। इसके अलावा इस कानून के तहत एंड-टू-एंड एंक्रिप्शन तथा जरूरत पड़ने पर उपयोगकर्ताओं को उनका स्मार्टफोन भी दिखाना पड़ेगा।
विवादित एनक्रिप्शन बिल एनक्रिप्टिड प्लेटफॉर्म्स का उपयोग अफवाहों, भड़काऊ भाषणों और यहां तक कि बाल तस्करी और मादक पदार्थो के व्यापार जैसी आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।
भारत जैसे देशों में व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसारित हुए मैसेजों से लिंचिंग (हत्या) के कई मामले आने के बाद भारत सरकार को इन प्लेटफॉर्म्स से उचित कदम उठाने के लिए कहना पड़ा था।
लेकिन ऑस्ट्रेलिया के नए प्रस्तावित कानून निजता संबंधी समस्याएं उत्पन्न होंगी। ऑस्ट्रेलियाई सरकार कंपनियों को स्पाइवेयर बनाने के लिए मजबूर कर सकती है।
न्यूज डॉट कॉम डॉट एयू की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित कानून कंपनियों को इलैक्ट्रॉनिक प्रोटेक्शन हटाने के लिए मजबूर कर सकता है, जिससे जांच में सहायता के लिए संदिग्ध डिवाइस की जानकारी निकालने और डिजायन स्पेसीफिकेशन जैसी तकनीकी जानकारी निकालने में सरकारी एजेंसियों की मदद की जा सके।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, आलोचकों ने व्यापक, अस्पष्ट और वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने में समर्थ बताते हुए इस बिल की आलोचना की है।
रिपोर्ट के अनुसार, इंटेलीजेंस एंड सिक्योरिटी पर संयुक्त संसदीय समिति इस अधिनियम का विश्लेषण कर रही है।
ऑस्ट्रेलिया के महान्यायवादी क्रिस्टोफर पोर्टर के अनुसार, इस कानून की मदद से सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों, बाल यौन अपराधियों और अन्य गंभीर मामलों के अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…