नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठंबधन को ‘अवसरवादी’ बताते हुए रविवार को आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट हो रहीं पार्टियां अपने अस्तित्व के लिए नकारात्मक राजनीति कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘फूट डालो, राज करो’ या वोट बैंक बनाने की राजनीति नहीं करती है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तमिलनाडु के माइलादुथुराई, पेरम्बलूर, शिवगंगा, थेनी और विरुधुनगर के बूथ स्तर के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान विपक्ष पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “अन्य पार्टियों के विपरीत, हम फूट डालने और राज करने या वोट बैंक बनाने के लिए राजनीति में नहीं हैं। हम यहां हर संभव तरीके से देश की सेवा कर रहे हैं। आगामी चुनाव भाजपा और देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
मोदी ने कहा, “एक तरफ, हमारे पास विकास का अपना एजेंडा और ‘सबका साथ, सबका विकास’ का विजन है, वहीं दूसरी ओर अवसरवादी गठबंधन और वंशवादी पार्टियां हैं। वे अपना साम्राज्य बनाना चाहती हैं, जबकि हम लोगों को सशक्त बनाना चाहते हैं।”
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की सफलता ने विपक्षी नेताओं को परेशान किया और यही कारण है कि वे नकारात्मक राजनीति में व्यस्त हैं।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा, “वे मोदी और भाजपा को गाली दे रहे हैं, लेकिन उन्हें जनता को कम नहीं आंकना चाहिए। हमारे विपक्ष के दोस्त वैसे भी बहुत भ्रमित हैं। वे यह कहने का कोई मौका नहीं छोड़ते कि मोदी बुरा है, सरकार काम नहीं कर रही है, लोग भाजपा को नापसंद करते हैं, फिर भी पहले उन पार्टियों के साथ अवसरवादी गठबंधन करते हैं, जिन्हें हाल तक वे नापसंद करते रहे हैं और शायद अभी भी करते हैं।”
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर मोदी इतना बुरा है और उसकी सरकार काम नहीं कर रही है, तो वे गठबंधन क्यों बना रहे हैं।
मोदी ने कहा, “क्या आपको खुद पर भरोसा नहीं करना चाहिए? सच्चाई यह है कि वे जानते हैं कि यह सरकार काम करने वाली सरकार है। वे जानते हैं कि गरीब, युवा, महिलाएं और किसान भाजपा के साथ मजबूत संबंध रखते हैं। बस अपने अस्तित्व की खातिर वे थोड़े समय का गठबंधन कर रहे हैं।”
यह भरोसा व्यक्त करते हुए कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छा करेगी, उन्होंने कार्यकर्ताओं से समाज के विभिन्न तबके तक पहुंचने का आग्रह किया।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “यह केवल भाजपा में है कि एक सामाजिक रूप से पिछड़े और आर्थिक रूप से गरीब परिवार में पैदा हुआ व्यक्ति शीर्ष पर पहुंचने के बारे में सोच सकता है और उसे ‘एक परिवार’ की वफादारी की जरूरत नहीं है।”
उन्होंने कहा, “भाजपा में, किसी को बस कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है। हमें किसी एक परिवार के प्रति निष्ठा दिखाने की जरूरत नहीं है।”
भारत के लघु, कुटीर एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की क्षमता पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “जब भारत की विकास की कहानी और छोटे उद्योगों की भूमिका की बात आती है, तो छोटे उद्योग बड़े होते हैं। छोटे उद्योग छोटे लग सकते हैं, लेकिन उनका प्रभाव रोजगार पर और लोगों को गरीबी से बाहर लाने के संदर्भ में बड़ा होता है।”
उन्होंने कहा कि यह एक गलत धारणा थी कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस ने केवल बड़ी कंपनियों की मदद की। इसने एमएसएमई क्षेत्र और छोटे व्यवसायों की भी मदद की है।
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