अमरावती, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश पुलिस ने बुधवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को नजरबंद कर दिया। सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी द्वारा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के कार्यकर्ताओं पर हमले के विरोध में नायडू की अगुवाई में पार्टी प्रदर्शन करने वाली थी।
पुलिस ने तेदेपा प्रमुख को अमरावती के उंदावल्ली में स्थित उनके घर से उन्हें बाहर नहीं आने दिया, क्योंकि वह ‘चलो आत्मकुर’ रैली के लिए गुंटूर जाने वाले थे।
नायडू के घर के आसपास तनाव व्याप्त हो गया क्योंकि उनसे मिलने के लिए आने वाले तेदेपा नेताओं को घर के अंदर जाने से रोक दिया गया। नायडू के बेटे नारा लोकेश ने घर से बाहर आकर पुलिस की इस कार्रवाई की तीखी आलोचना की। तेदेपा नेता की पुलिस अधिकारियों के साथ बहस भी हुई।
पुलिस ने किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए गुंटूर जिले के पलनाडु क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगा दी, क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी तेदेपा के मार्च के जवाब में विरोध मार्च निकालने का आह्वान किया था।
चूंकि पुलिस ने नायडू को घर से निकलने की इजाजत नहीं दी, इसलिए उन्होंने अपने घर पर ही एक दिन की भूख हड़ताल शुरू कर दी। पार्टी के नेताओं के साथ एक टेलीकांफ्रेंस के दौरान, नायडू ने उनसे कहा कि उन्हें जहां भी प्रशासन द्वारा रोका गया, वे वहीं विरोध करें।
नायडू के घर और गुंटूर की ओर जा रहे तेदेपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को विभिन्न जगहों पर रोका गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गुंटूर शहर में तनाव व्याप्त है, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा हिंसा के पीड़ितों के लिए तेदेपा द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन को नाकाम करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। विरोध मार्च पार्टी द्वारा लगाए गए एक शिविर से शुरू होने वाला था।
मंगलवार देर रात तक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिविर में मौजूद लोगों को उनके गांवों में लौटने के लिए मनाने की कोशिश की और उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया। हालांकि, केवल कुछ ग्रामीण ही शिविर छोड़ने के लिए सहमत हुए।
तेदेपा ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें शिविर में मौजूद 150 परिवारों को भोजन कराने की अनुमति नहीं दे रही है और उन्हें शिविर खाली करने के लिए मजबूर कर रही है।
पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग ने मंगलवार को कहा था कि पलनाडु क्षेत्र में बैठकों, जुलूसों, रैलियों या विरोध प्रदर्शनों की अनुमति नहीं है, क्योंकि अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 और पुलिस अधिनियम की धारा 30 लागू की गई है।
हालांकि, तेदेपा ने घोषणा की थी कि वह ‘चलो आत्मकुर’ के साथ मार्च निकालेगी।
तेदेपा का आरोप है कि उसके आठ कार्यकर्ता वाईएसआर कांग्रेस नेताओं द्वारा किए गए हमलों में मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पलनाडु क्षेत्र के थे।
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