बुडापेस्ट, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहलवान बजरंग पूनिया यहां जारी विश्व चैम्पिनयशिप में स्वर्ण पदक जीतने से एक कदम दूर हैं।
बजरंग ने पुरुषों की फ्री-स्टाइल स्पर्धा के 65 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में क्यूबा के एलेंजांड्रो वाल्देस तोबिएर को 4-2 से मात दी।
बजरंग को हालांकि रविवार रात हुए मकुाबले को जीतने में थोड़ी परेशानी हुई। एक समय वह 4-1 से आगे चल रहे थे लेकिन क्यूबा के खिलाड़ी ने आखिरी में स्कोर 4-3 तक भारतीय खिलाड़ी को परेशानी में डाल दिया। बजरंग ने हालांकि किसी तरह अपनी बढ़त को बरकरार रखा और फाइनल में प्रवेश किया।
भारत को इस विश्व चैम्पियशिप में अभी तक सिर्फ एक स्वर्ण पदक सुशील कुमार ने दिलाया है। दो बार के इस ओलम्पिक पदक विजेता ने 2010 में मास्को में हुई चैम्पियनशिप में सोने पर कब्जा जमाया था।
फाइनल में बजरंग का सामना जापान के ताकुटो ओटुगुरो से होगा। जापानी खिलाड़ी ने सेमीफाइनल में जापानी खिलाड़ी ने रूस के पहलवान अखमेद चाकाऐव को 15-10 से मात दी।
पूनिया ने कहा, “दो मैच खेलने के बाद मैं राहत महसूस कर रहा हूं। मैं जानता था कि वह अच्छा खिलाड़ी है। दूसरे राउंड में वह काफी जल्दबाजी में था। उन्होंने तब आक्रमण किया जब उम्मीद नहीं थी, जिससे उन्हें आखिरी में दो अंक मिले।”
उन्होंने कहा, “जब आपका विपक्षी पिछड़ा होता है तब वह आमतौर पर आखिरी पलों में आक्रमण करता है। मैं अपनी बढ़त को बनाए रखने के लिए रक्षात्मक था, लेकिन मुझे फाइनल में सावधान रहने की जरूरत है। मैं बीते कुछ मुकाबलों में आखिरी पलों में कुछ अहम अंक गंवाए हैं। मैंे इसे दोहराना नहीं चाहता।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें जापान के खिलाड़ी का मैच देखने का मौका मिला तो उन्होंने कहा, “मेरे मैच के बाद मैं मैंने उसका थोड़ा सा मैच देखा था। वह रूस के खिलाड़ी पर हावी था। मैं उसका वीडियो देखूंगा और उसके हिसाब से रणनीति बनाऊंगा।”
सेमीफाइनल का पहला दौर ज्यादा परेशान करने वाला नहीं था। भारतीय खिलाड़ी अपने डिफेंस और अटैक में शानदार थे और इसी कारण उन्होंने क्यूबा के खिलाड़ी के पैरों पर आक्रमण किया। पहले टेकडाउन से उन्होंने खाता खोला लेकिन एक अंक भी वो थोड़ी देर बाद अपने विपक्षी को दे बैठे।
दूसरे पीरियड के में क्यूबा के खिलाड़ी ने दमदार डिफेंस दिखाया और भारतीय खिलाड़ी को अंक लेने से रोके रखा। लेकिन वह अंत में टेकडाउन से दो अंक लेने में कामयाब रहे।
आखिरी में भारतीय खिलाड़ी ने अपने मजबूत डिफेंस का उपयोग करते हुए अपनी बढ़त को कायम रखा।
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