कोलकाता, 1 जनवरी (आईएएनएस)| नए साल में व्यापारी समुदाय ने मंगलवार को देश में ‘दोस्ताना जीएसटी’ (वस्तु एवं सेवा कर) की मांग की है और कहा है कि सात करोड़ छोटे कारोबारियों में से आधे अप्रत्यक्ष कर शासन तहत लाए जा सकते हैं, अगर इसकी प्रक्रियाओं को सरल बना दिया जाए।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की कार्यकारी समिति के प्रमुख सदस्य और इसकी पश्चिम बंगाल चेप्टर के महासचिव राजा रॉय ने कहा, “अगर जीएसटी को सरल बनाया जाता है और कारोबारियों को बेवजह प्रताड़ित नहीं किया जाता है, तो इससे जीएसटी के प्रति व्यापारी समुदाय में भरोसा जगेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग औपचारिक अर्थव्यवस्था के अंतर्गत आएंगे।”
उन्होंने कहा, “देश में करीब 7 करोड़ छोटे व्यापारी हैं और इनमें से करीब आधे जीएसटी के तहत लाए जा सकते हैं, अगर व्यापारी के प्रति दोस्तान कर शासन हो।”
व्यापारियों ने कहा कि व्यापार समुदाय 2019 में एक निरंतर, सरलीकृत और तर्कसंगत जीएसटी की उम्मीद करता है और अगर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का ध्यान व्यापारियों की वास्तविक कठिनाइयों को कम करने पर है, तो जीएसटी एक व्यापारी-अनुकूल कराधान प्रणाली साबित होगी।
व्यापारी समुदाय के मुताबिक, देश भर के व्यापारियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें जीएसटी पोर्टल में गड़बड़ी, विभिन्न टैक्स स्लैब में सामानों के तर्कहीन वर्गीकरण, जटिल कर प्रक्रियाओं, कर अधिकारियों से रिफंड नहीं मिलना और जटिल रिटर्न फॉर्म प्रमुख है।
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