कोरोना वायरस महामारी इस समय दुनिया में अपना कब्जा बैठी है। इसकी चपेट में कई लाख लोग आ चुके हैं जबकि 70 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस के चलते मर गए हैं। इस वायरस ( Coronavirus) के इलाज के लिए अभी तक किसी तरह का टीका नहीं बना है। हालांकि दुनियाभर के साइंटिस इस महामारी के इलाज के लिए टीका बनाने में लगे हुए है। इसी बीच कोरोना वायरस के इलाज के लिए कई लोग हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) नामक दवाई का इस्तेमाल करने के बारे में सुन रहे हैं कि इससे कोरोना वायरस के मरीज का इलाज किया जा सकता है। चलिए जानते हैं कि यह दवाई क्या है और किस बीमारी में इस्तेमाल की जाती है।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) दवा से इम्यून सिस्टम अतिसक्रिय किया जा सकता है। इसे 1940 से मलेरिया और गठिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका में इस दवाई को समान्य रुप से ‘प्लेक्यूनिल ब्रांड’ नाम के तहत बेचा जाता है। डॉक्टर्स इस दवाई को किसी दूसरी बीमारी (ऑफ लेबल) के लिए भी खाने के लिए भी दे सकते हैं। जैसे आजकल कई सारे लोग इस दवाई को कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) एंटी मलेरिया ड्रग क्लोरोक्वाइन से अलग है। इस दवा को मलेरिया और गठिया के उपचार में तो इस्तेमाल किया ही जाता है, साथ ही इसका प्रयोग आर्थराइटिस के उपचार में भी होता है। पिछले दिनों भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)ने कोरोना वायरस के उपचार के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) के उपयोग के लिए सुझाव दिया था।
कोरोना वायरस के इलाज के लिए भले ही हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) मामूली तौर पर तक असरदार साबित हो रही हो लेकिन इसके तमाम साइट इफेक्ट भी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय साफ शब्दों में इस दवा के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दे चुका है। मंत्रालय ने कहा है कि ये दवा बच्चों के लिए नहीं है। एक्सपर्ट्रस के मुताबिक, हाइड्रोक्सी क्लोरिक्वाइन (Hydroxychloroquine) से सिरदर्द, चक्कर आना, भूख में कमी, मतली, दस्त पेट दर्द, उल्टी और त्वचा पर लाल चकत्ते जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा इसके ओवर डोज से दौरे पड़ सकते हैं या रोगी बेहोश भी हो सकता है।
इसके अलावा इस दवाई के इस्तेमाल से दिल गति धीमी पड़ सकती है और ब्लड प्रेशर कम होने की शिकायत भी हो सकती है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) के इस्तेमाल से मासपेशियों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) दवाई के ऊपर प्रारंभिक शोध में कई विवादस्पद परिणाम सामने आए है हालांकि एक लैब ने अपनी स्टडी में बताया कि इस दवाई से वायरस को सेल्स के अंदर जाने से रोका जा सकता है।
चीन से एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस दवाई के जरिए 10 अस्पतालों में 100 लोगों का इलाज किया गया लेकिन उन सभी लोगों कोई तरह की बीमारी थी। इसके अलावा अलग-अलग समय पर कई तरह की दवाई से उनका इलाज किया गया था।
चीन से एक और शोध निकलकर सामने आया कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन (Hydroxychloroquine) के इस्तेमाल से 31 लोगों की खांसी और निमोनिया का बहुत जल्द ठीक हो गया जबकि बाकी 31 लोग बिना इसके इतनी जल्दी ठीक नहीं हुए।
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