सलमान रुश्दी भारतीय मूल के लेखक हैं। उन्होंने अपनी किताबों से दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई। अपने दूसरे ही उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ (Midnight Children) के लिए 1981 में ‘बुकर प्राइज’ (Booker Prize) और 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ (Best of the Bookers) पुरुस्कार से सम्मानित किये गए। रुश्दी आज 72 साल के हो गए हैं।
सलमान रुश्दी ने लेखक के तौर पर शुरुआत 1975 में अपनी पहली नॉवेल ‘ग्राइमस’ (Grimus) के साथ की थी। उन्हें पहचान उनके दूसरे ही नॉवेल ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ से मिली। उन्होंने कई किताबें लिखीं जिसमें द जैगुअर स्माइल (The Jaguar Smile) , द मूर्स लास्ट साई (The Moor’s Last Sigh), द ग्राउंड बिनीथ हर फीट (The Ground Beneath Her Feet) और शालीमार द क्लाउन (Shalimar the Clown) जैसी किताबें शामिल हैं। लेकिन रूश्दी सबसे ज्यादा अपनी विवादित किताब ‘द सेटेनिक वर्सेज’ (The Satanic Verses) को लेकर चर्चा में रहे।
सलमान रुश्दी की यह चौथी नॉवेल थी, जो विवाद का केंद्र बनी रही। भारत समेत दुनिया के कई देशों में यह नॉवेल बैन है। हमारे देश में इसका खरीद और बिक्री गैर कानूनी है।
रुश्दी की यह नॉवल वर्ष 1988 में प्रकाशित हुई थी और इसके साथ ही इस्लामी दुनिया में विवाद का एक नया मुद्दा खड़ा हो गया था। इसके लिए रुश्दी पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगाया गया। इस किताब का शीर्षक एक विवादित मुस्लिम परंपरा के बारे में है। इस परंपरा के बारे में रुश्दी ने अपनी किताब में खुल कर लिखा। किताब को कई मुस्लिम देशों में बैन कर दिया गया था।
इसके प्रकाशन के बाद ही रुश्दी को मौत की धमकी मिली और ईरान के धार्मिक नेता आयातोल्लाह खोमैनी ने उनके लिए फतवा जारी कर दिया था। इस नॉवल के जापानी अनुवादक हितोशी इगाराशी की हत्या कर दी गई थी, जबकि इटेलियन अनुवादक और नॉर्वे के प्रकाशक पर भी हमले हुए।
This post was last modified on June 19, 2019 9:48 AM
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