World Alzheimer’s Day: अक्सर अगर आप गाड़ी की चाबी रखकर भूल जाते हों या दुकान पर हेलमेट छोड़ आते हैं, या फिर कहीं बाहर घूमने जाएं तो सामान भूल जाना या फिर नाम भूल जाना। रास्ते याद ना होना, तो कभी बार-बार चीज़ें याद करने पर भी दिमाग से निकल जाना, जैसी दिक्कतें अल्जाइमर की वजह से होती हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को रोजमर्रा के कामकाज में परेशानी होती है।
आमतौर पर यह बीमारी पहले केवल बूढ़ों तक ही सीमित थी मगर अब ऐसा नहीं है। अल्जाइमर अब बच्चों में भी देखा जा रहा है। लाखों लोग हर साल इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इस वजह से अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए पूरी दुनिया में 21 सितंबर को ‘विश्व अल्जाइमर दिवस’ (World Alzheimer’s Day) मनाया जाता है।
अल्जाइमर एक दिमागी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की याद्दाश्त और सोचने की शक्ति धीरे-धीरे कम होती जाती है। कई गंभीर मामलों में देखा गया है कि अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति आसान काम भी नहीं कर पाता। वैसे आमतौर पर यह बीमारी बुजुर्गों में आमतौर पर देखी जाती है, जिसमें वो दिन-ब-दिन चीज़ें भूलने लगते हैं। साथ ही इस बीमारी में व्यक्ति चिड़चिड़ा और शक्की होने लगता है। अल्जाइनर का नाम डॉक्टर अलोइस अल्जाइमर (Alois Alzheimer) के नाम पर पड़ा है।
इस रोग को रोकना तो संभव नहीं, लेकिन कुछ सामान्य उपाय करके रोगी की परेशानी को कम जरूर किया जा सकता है। अल्जाइमर के लक्षण दिखने पर व्यक्ति की तत्काल जांच कराएं। अल्जाइमर की पुष्टि होने पर पीड़ित को पौष्टिक भोजन देने के साथ ही एक्टिव बनाए रखें। माहौल गमगीन न होने दें और पीड़ित को अकेला न छोड़ें, उसे डिप्रेशन से बचाएं। रोगी के परिचित उसके संपर्क में रहें ताकि उनके चेहरे वो भूल ना पाए।
अल्जाइमर पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता, लेकिन मरीज के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। ऐसी कई दवाएं हैं, जिनके द्वारा मरीज के व्यवहार में सुधार लाया जा सकता है। ये दवाएं डॉक्टर द्वारा ही मरीज को दी जाती हैं। इसके अलावा व्यायाम, सेहतमंद आहार, हाई ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण, डिसलिपिडेमिया और डायबिटीज पर नियंत्रण के साथ-साथ मरीज को बौद्धिक गतिविधियों में शामिल करना जैसे नई भाषा सीखने, मेंटल गेम्स या म्यूजिक में व्यस्त रखने से मरीज के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।
अल्जाइमर पीड़ित व्यक्ति को काफी सपोर्ट की जरूरत होती है। साथ ही अल्जाइमर से ग्रसित व्यक्ति को समझने के लिए बहुत धैर्य की जरुरत होती है। आपको मरीज को हैंडल करना सीखना पड़ता है। मरीज को खूब प्यार और देखभाल की जरुरत होती है।
This post was last modified on September 21, 2019 10:32 AM
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