आज विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day) है। दुनिया भर में हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक करना है, ताकि इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सके।
अक्सर लोग ब्रेन ट्यूमर को सामान्य बीमारी या टेंशन मान कर नजरअंदाज कर देते हैं। वे कभी इस बात पर ध्यान नहीं देते कि जिसे वे सामान्य सा सर दर्द मान रहे हैं, वो उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है। लोगों को ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूक करना, इसके लक्षण और इलाज की जानकारी देना आदि बहुत जरूरी है। ताकि लोग इस घातक बीमारी को हल्के में न लें और इससे बच सकें। इसलिए ही पूरी दुनिया में वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है। आज हम आपको बताते हैं की ब्रेन ट्यूमर क्या है और इसके लक्षण व इलाज क्या हैं, ताकि आप इस जानलेवा बीमारी से प्रति लापरवाही न बरतें।
ब्रेन ट्यूमर एक जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी में मस्तिष्क (Brain) में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं, जिससे गांठ बन जाती है। इस गांठ को ही ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। इस बीमारी में दिमाग के एक हिस्से में कोशिकाओं की गांठ बन जाती है और कई बार यह कैंसर (Cancer) की गांठ में बदल जाती है।
अगर इसके मरीजों की बात करें तो, ब्रेन ट्यूमर किसी को भी हो सकता है। लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक, यह मुख्यतः 3 से 15 साल की उम्र में या फिर 50 साल की उम्र के बाद स्त्री और पुरुष दोनों को हो सकता है।
यह एक बीमारी है, लेकिन इसके लक्षण अक्सर लोग नजरअंदाज करते हैं। इसलिए जरूरी है कि इसके लक्षणों की पूरी जानकारी रखी जाए। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और इलाज करवाना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर का सही समय पर इलाज बहुत जरूरी है। इसमें जरा सी भी लापरवाही करने से भरी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसका इलाज अलग- अलग तरीके से होता है। ट्यूमर के आकार, स्थिति के आधार पर इलाज किया जाता है।
सर्जरी (Surgery)
ब्रेन ट्यूमर की सर्जरीमें पूरे ट्यूमर को या उसके कुछ भाग को ब्रेन से निकाल दिया जाता है। सर्जरी के दौरान संक्रमण और ब्लीडिंग जैसे खतरे भी होते हैं। अगर ट्यूमर ऐसी जगह पर है, जहां खतरा अधिक होता है तब उपचार के दूसरे उपायों का सहारा लिया जाता है।
माइक्रो एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी (Micro-Endoscopic Spine Surgery)
इस सर्जरी को आसान और बेहतर बना दिया है। इस सर्जरी में एंडोस्कोप का उपयोग किया जाता है, जिससे सर्जरी के दौरान उन जगहों तक पहुंचना संभव होता है, जहां सर्जरी के पुराने तरीकों से पहुंचना मुश्किल होता है। इसकी खास बात यह है कि इसके साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं।
कीमोथैरेपी (Chemotherapy)
ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए इस थेरेपी में दवाइयों के उपयोग से ट्यूमर की कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। कीमोथैरेपी की दवाएं गोली के रूप में या नसों में इंजेक्शन द्वारा दी जाती हैं। इससे जी मचलाना, उल्टी होना या बाल झड़ने जैसी समस्याएं होती हैं।
रेडियो सर्जरी (Radio Surgery)
इस सर्जरी में कैंसर की कोशिकाओं को रेडिएशन की कई बीम्स के उपयोग द्वारा खत्म किया जाता है। यह सर्जरी एक ही सीटिंग में हो जाती है।
रेडिएशन थैरेपी (Radiation Therapy)
ब्रेन ट्यूमर का इलाज करने के लिए रेडिएशन थैरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का उपयोग किया जाता है।
टारगेट ड्रग थैरेपी (Targeted Drug Therapy)
ब्रेन ट्यूमर के इलाज के इस तरीके में कैंसर कोशिकाओं में मौजूद विशिष्ट असामान्यताओं पर फोकस किया जाता है। इन असामान्यताओं को ब्लॉक करके कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है।
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