बच्चों को उनके बचपन से वंचित करना सबसे बड़ी क्रूरता है। पढ़ने और खेलने की उम्र में वे काम कर अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय खो देते हैं। भले ही इसके खिलाफ आवाज़ें उठती हों, लेकिन अभी भी लाखों बच्चे ‘बाल मजदूरी’ (Child Labour) के दलदल में फंसे हुए हैं। इसी से लड़ने के लिए आज ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ (World Day Against Child Labour) मनाया जा रहा है।
बच्चों को बाल मजदूरी के दलदल से निकालने के लिए हर साल 12 जून को ‘वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation) द्वारा की गई थी। दुनिया भर में इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य बाल मजदूरी की बड़ी समस्या पर सबका ध्यान केंद्रित करना है, ताकि बच्चों के आर्थिक शोषण को खत्म किया जा सके।
आंकड़ों की बात करें तो आज भी दुनिया भर में 152 मिलियन बच्चों को बाल मजदूरी करने के लिए मजबूर किया जाता है। अक्सर उनसे खतरनाक काम भी कराये जाते हैं। एक तरफ हम उज्जवल भविष्य की बात करते हैं वहीं बड़े पैमाने पर बच्चे बाल मजदूरी का शिकार होते हैं। पढ़ाई और खेलकूद के समय में वे काम में अपना बचपन गंवा देते हैं। बाल मजदूरी के कारण उनका बचपन तो खराब होता ही है, साथ ही साथ भविष्य भी बर्बाद हो जाता है। सरकार को इसके लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत तो है ही, लेकिन जिम्मेदारी हम सब की भी बनती हैं क्योंकि उनसे मजदूरी कराने वाले लोग में से होते हैं और अक्सर हम भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते।
2015 में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (Sustainable Development Goals) के तहत चाइल्ड लेबर को खत्म करने का लक्ष्य तय किया गया है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के टारगेट 8.7 में कहा गया है कि ‘ग्लोबल कम्युनिटी फोर्स्ड लेबर, मॉडर्न स्लेवरी और मानव तस्करी को खत्म करने के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करे।’
हर साल इस दिन के लिए एक थीम तय की जाती है और उसी के अनुसार दुनिया भर में चाइल्ड लेबर रोकने के लिए काम किया जाता है। इस साल की थीम ‘बच्चों को खेतों में काम नहीं, बल्कि सपनों पर काम करना चाहिए’ (Children shouldn’t work in fields, but on dreams!) तय की गई है।
दुनिया भर में आज 152 मिलियन बच्चे अभी भी बाल मजदूरी कर रहे हैं। बाल मजदूरी लगभग हर क्षेत्र में होती है और हर 10 में से 7 बाल मजदूर कृषि क्षेत्र में काम करते हैं। इसी को देखते हुए इस साल का थीम यह चुना गया है, ताकि दुनिया भर में खेतों से बाल मजदूरी को खत्म किया जा सके। इस साल सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स में तय किये गए लक्ष्यों पर भी काम किया जाएगा।
2019 में, इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाईजेशन (ILO) सामाजिक न्याय और सभ्य काम को बढ़ावा देने के 100 साल मनाने जा रही है। 1919 में इसकी स्थापना के बाद से, यह ऑर्गनाइजेशन बच्चों की सुरक्षा के लिए काम कर रही है। इसके साथ ही 2019 में, आई एल ओ वर्स्ट फॉर्म्स ऑफ़ चाइल्ड लेबर कन्वेंशन, 1999 (ILO’s Worst Forms of Child Labour Convention, 1999) भी मनाया जाएगा।
This post was last modified on June 12, 2019 11:10 AM
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