World Health Day 2021: आखिर क्यों मनााया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस, जानें इसका इतिहास और उद्देश्य

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World Health Day 2021:  हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस World Health Day 2020 के रूप में मनाया जाता है। इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रभाव से जूझ रही है ऐसे में इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। आज ही के दिन साल 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना हुई थी।

आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास के बारे में और इस दिवस को मनाने के पीछे क्या उद्देश्य है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, जिसे डब्ल्यूएचओ (WHO) के नाम से जाना जाता हैं, यह संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा है। इसका प्रमुख कार्य विश्व में स्वास्थ्य समस्याओं पर नजर रखना और इसके निवारण में मदद करना है। विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरुआत साल 1950 में हुई।

World Health Day मनाने का उद्देश्य

इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य और उससे जुड़ी समस्याओं पर विचार-विमर्श करना है। पूरे विश्व में समान स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों और मिथकों को दूर करना भी इसका उद्देश्य है। यह दिवस पिछले 71 साल से हर साल लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ही मनाया जा रहा है। इस दिवस का यही उद्देश्य है कि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे।

स्थापना दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के अहम कामों को जान लीजिए

चेचक उन्मूलन

वर्ष 1958 में सोवियत संघ ने डब्ल्यूएचओ के मार्गदर्शन में एक चेचक उन्मूलन कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा और उस दिशा में काम शुरू हुआ। वर्ष 1977 तक बड़ी सफलता हासिल कर ली गई। लगभग पूरी दुनिया से चेचक को खत्म कर दिया गया। सिर्फ सोमालिया में चेचक के आखिरी मामले की पुष्टि हुई। 1980 में वैश्विक चेचक उन्मूलन प्रमाणन आयोग ने चेचक के नियमित टीकाकरण के काम को रोकने की सिफारिश की क्योंकि दुनिया से करीब-करीब चेचक का सफाया हो चुका था।

बीमारी नियंत्रण और उन्मूलन

वर्ष 1960 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नीग्रो जाति में होने वाले संक्रामक रोग यॉज, स्थानीय महामारी सिफलिस, कुष्ठ और आंख से संबंधित रोग ट्रेकोमा को जड़ से खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इसने एशिया में कॉलरा जैसी महामारी को नियंत्रित करने में मदद की। इसने अफ्रीका में पीत ज्वर जैसी स्थानीय महामारी को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाई।

अन्य खास काम

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1970 में परिवार नियोजन, बच्चों की रोगरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए 1974 में टीकाकरण कार्यक्रम, 1987 में प्रसूता मृत्यु दर को कम करने के लिए कार्यक्रम, 1988 में पोलिया उन्मूलन और 1990 में जीवनशैली से होने वाली बीमारी को रोकने के लिए अभियान चलाया। 1992 में डब्ल्यूएचओ ने पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए पहल की। 1993 में एचआईवी/एड्स को लेकर संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर कार्यक्रम शुरू किया। उस प्रोग्राम ने एड्स पर डब्ल्यूएचओ के चल रहे वैश्विक प्रोग्राम की जगह ले ली।

 

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