लखनऊ, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी 75 जिलों में विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा पूरी कर ली है।
पिछले 27 दिनों से चल रहीं बैठकें बुधवार रात को झांसी मंडल की समीक्षा के साथ समाप्त हुईं। मुख्यमंत्री ने महामारी के दौरान वर्चुअल बैठकों के माध्यम से सभी डिवीजन में किए गए कार्यो की समीक्षा की।
योगी आदित्यनाथ ने बैठकों में कहा कि उत्तर प्रदेश विकास, प्रगति, वृद्धि और समृद्धि में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और डिफेंस कॉरिडोर बेरोजगारों और उद्यमियों के लिए नए अवसर लाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक डिवीजन में 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 22 मेगा परियोजनाएं हैं।
योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को जालौन जिले में वेंटिलेटर बनाने और तकनीशियनों को इस संबंध में प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया। उन्होंने जिले में दो एनेस्थेटिस्ट की नियुक्ति करने को भी कहा।
उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले खनन कार्य में निर्णय लेने और कामकाज के संदर्भ में कुछ पारदर्शिता की आवश्यकता है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आइए हम सभी इस बात को अच्छी तरह से समझें कि जब तक कोई दवा या वैक्सीन बाजार में नहीं आता है, तब तक हमारे सामने सुरक्षात्मक उपाय ही एकमात्र विकल्प है। प्रभावी निगरानी प्रणाली और संपर्क ट्रेसिंग कोविड से हर स्तर पर व्यापक जागरूकता फैलाने के अलावा कई लोगों की जान बचा सकती है।”
सभी परियोजनाओं के समय-सीमा को ध्यान में रखने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उपयोग प्रमाणपत्र परियोजना के भौतिक सत्यापन के बाद ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही काम की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए इस्तेमाल होने वाले धन का उपयोग कहीं और नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा सरकार कठोर कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा, “मनरेगा के तहत काम के अवसर पैदा करें और अधिक से अधिक प्रवासी मजदूरों को इसमें शामिल करें।”
मुख्यमंत्री ने हर संभव तरीके से पानी का संरक्षण करने का निर्देश दिया और कहा कि प्राकृतिक जल निकायों, तालाबों और कुओं को पुनर्जीवित करने की तत्काल जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बारिश खत्म होने के बाद सड़कों की मरम्मत युद्धस्तर पर की जानी चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को एमएसएमई इकाइयों को स्थापित करने के लिए उद्यमियों को ऋण देने की सुविधा देने का भी निर्देश दिया और जिलों को संगठित रूप से ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) के तहत उत्पादों का प्रदर्शन, विकास और मार्केटिंग करने के लिए कहा।
–आईएएनएस
एमएनएस/एसजीके
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