लखनऊ, 6 नवंबर (आईएएनएस)। यूपी की खूबी को योगी सरकार और विस्तार दे रही है। इस क्रम में जिलों के एक से अधिक खास उत्पाद को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) को नयी पहचान दी जाएगी। ओडीओपी की तरह इन उत्पादों की भी सरकार ब्रांडिंग करेगी। इनसे जुड़े उत्पादकों और शिल्पकारों और हस्तशिल्पियों की सरकार हर स्तर-अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण, डिजाइन डेवलपमेंट, मार्केटिंग और ब्रांडिंग आदि के लिए हर संभव मदद करेगी।
मालूम हो कि ओडीओपी योगी सरकार की फ्लैगिशप योजना है। इसकी शुरूआत 24 जनवरी 2018 को मुख्यमंत्री ने की थी। योजना काफी सफल रही। यही वजह रही कि केंद्र सरकार ने भी अपने पिछले बजट में न केवल इसकी सराहना की बल्कि उत्तर प्रदेश के लिए खेतीबाड़ी के लिए ऐसी ही एक योजना की भी घोषणा की। प्रदेश सरकार द्वारा ओडीओपी योजना की घोषणा के बाद से ही यह सोचा जा रहा था कि कई जिले ऐसे हैं जिनके एक से अधिक उत्पाद समान रूप से लोकप्रिय हैं। इनकी भी ओडीओपी के तर्ज पर भी ब्रांडिंग की जा सकती है।
इसी क्रम में 22 अक्टूबर तक 19 जिलों के कुछ उत्पादों की पहचान कर इनको ओडीओपी योजना में ही शामिल किया गया है।
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि विविधता और परंपरागत हुनर में संपन्नता उत्तर प्रदेश की पहचान है। कई ऐसे जिले हैं जिनके एक से अधिक उत्पाद वहां की पहचान हैं। ऐसे उत्पादों को पहचानना, इनसे जुड़े लोगों को मदद, मौका और मंच देकर इनको भी ओडीओपी में शामिल उत्पादों की तरह ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाएगा। इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही प्रदेश का समग्र विकास भी होगा।
बहराइच गेंहू की डंठल की कला कलाकृतियां ओडीओपी में शामिल है। ठीक उसी प्रकार अन्य उत्पाद के रूप में खाद्य प्रसंस्करण। बरेली जरी जरदोजी, सुनारी और बांस के उत्पाद। आगरा में चमड़ा और संगमरमर पर जड़ाई। बस्ती में काष्ठकला और सिरका। देवरिया सजावटी उत्पाद और अन्य उत्पाद कढ़ाई, बुनाई और रेडिमेड कपड़े। लखीमपुर में ट्राइबल क्राफ्ट अन्य उत्पाद गुड़। मथुरा सीनेटरी उत्पाद, ठाकुर जी के पोषाक, कंठी माला। अमरोहा ढोलक, रेडीमेड कपड़े। महोबा गोरा पत्थर शिल्प, धातु शिल्प। मीर्जापुर कालीन, मेटल उद्योग। रामपुर में पैच वर्क और मेंथा। गोरखपुर में टेरीकोटा, रेडीमेड कपड़े। ललितपुर में जरी सिल्क साड़ी खाद्य प्रसंस्करण, स्कल ड्रेस, होजरी। फरूर्खाबाद वस्त्र छपाई, सिलाई एवं वस्त्र कढ़ाई। उन्नाव जरी जरदोजी, चर्म उत्पाद। इटावा में वस्त्र उत्पाद, सिलाई एवं वस्त्र कढ़ाई। कन्नौज इत्र उत्पाद और अगरबत्ती, धूप बत्ती। वराणसी में रेशम उत्पादन, गुलाबी मीनाकरी, लकड़ी के खिलौने शामिल हैं।
–आईएएनएस
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