लखनऊ, 10 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनावों के नतीजे का असर योगी आदित्यनाथ सरकार पर नहीं पड़ेगा जो पहले से ही बहुमत के निशान से आगे है।
403 सदस्यीय सदन में भाजपा के 309 सदस्य हैं और नतीजों से राज्य सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
भाजपा कार्यकाल के अंत तक विपक्ष पर हावी रहना जारी रखेगी।
हालांकि, सात सीटों पर हुए उपचुनावों के परिणाम निश्चित रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर जनमत संग्रह के रूप में देखे जाएंगे।
नतीजे यह भी बताएंगे कि 2022 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में किस तरफ बयार बहेगी।
समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके प्रमुख अखिलेश यादव के लिए, भाजपा के लिए सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में उनकी और पार्टी की छवि को फिर से स्थापित करना एक चुनौती है।
सपा के लिए, उपचुनाव एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।
अखिलेश यादव अपनी पार्टी के संगठनात्मक आधार को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अगले विधानसभा चुनाव में फिर से सत्ता हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं।
इस बीच, कांग्रेस अपने सबसे निचले स्तर पर है। पार्टी के नेता तेजी से इसका साथ छोड़ दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं। पार्टी नेतृत्व खुद को सत्तारूढ़ भाजपा के लिए चुनौती पेश करने में विफल रहा है।
पहली बार उपचुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए, परिणाम यह साबित करेंगे कि क्या मायावती की अभी भी अपने प्रमुख दलित वोट बैंक पर पकड़ बनी हुई है।
–आईएएनएस
वीएवी-एसकेपी
नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…
इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…
अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना
KBC 14 Play Along 23 September, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 36: प्रसिद्ध डिजाइनर्स चार्ल्स…
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…