नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण के क्वालीफायर-2 में भले ही दिल्ली कैपिटल्स की टीम को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ हार झेलनी पड़ी हो, लेकिन इस तथ्य को कोई नकार नहीं सकता कि टीम के युवा खिलाड़ियों ने इस सीजन अपने दमदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
मुंबई इंडियंस के खिलाफ इस सीजन का पहला मैच खेलने से पहले दिल्ली के सबसे अनुभवी बल्लेबाज शिखर धवन ने आईएएनएस से कहा था कि उनकी टीम ट्रेनिंग के दौरान बहुत दिमाग लगाकर मेहनत कर रही है जिसका परिणाम इस सीजन में दखने को मिलेगा।
हालांकि, किसी ने यह नहीं सोचा था कि दिल्ली क्वालीफायर-2 तक पहुंचने में कामयाब रहेगी। इस टीम ने आखिरी बार 2012 में प्लेऑफ में जगह बनाई थी।
दिल्ली ने इस सीजन दिग्गज खिलाड़ी रिकी पोंटिंग और सौरभ गांगुली के मार्गदर्शन में वो सफर तय किया जिस पर न सिर्फ उन्हें बल्कि पूरी राजधानी को गर्व होगा।
सनराइजर्स के खिलाफ हुए एलिमिनेटर में मिली जीत में युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने दबाव में खुद को बिखरने नहीं दिया और 18वें ओवर में बासिल थम्पी को 22 रन जड़कर दिल्ली की झोली में मैच डाल दिया। मैच के बाद पंत के बयान ने दर्शाया कि क्यों पोंटिंग, गांगुली और टैलेंट स्काउट प्रवीण आंबरे को युवा खिलाड़ियों पर भरोसा है।
पंत ने कहा था, “टी 20 में अगर आपको 20 गेंदों पर 40 रन चाहिए तो आपको एक गेंदबाज पर आक्रमण करना होगा। मैं यह नहीं देखता कि गेंदबाजी कौन कर रहा है। हमारी मांसपेशियां उसके अनुरुप बन चुकी है, इसलिए हम बहुत अभ्यास करते हैं। आज यह विशेष था क्योंकि मैंने गेंद को बहुत ताकत से मारने की कोशिश नहीं की। मैं सिर्फ गेंद का देख रहा था और गेंद को टाइम करने की कोशिश कर रहा था।”
इसी के कारण पंत इस सीजन तीन अर्धशतक की मदद से 353 रन बनाने में कामयाब रहे। उनके अलावा, पृथ्वी शॉ भी दो अर्धशतक के साथ इस सीजन अपना जलवा बिखरने में कामयाब रहे।
शॉ ने कहा, “व्यक्तिगत रूप से मैं मानता हूं कि बल्लेबाजी के दौरान पहले छह ओवर बहुत महत्वपूर्ण है। शुरुआत में अगर आप बोर्ड पर रन टांग देते हैं तो आने वाले बल्लेबाजों के लिए बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है।”
कप्तान श्रेयस अय्यर ने भी इस सीजन टीम की जीत में अहम योगदान दिए।
अय्यर ने कहा, “हम जानते हैं कि हमने इतिहास बनाया है, हमने सात साल बाद प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया। इसका मतलब यह नहीं है कि हमें कुछ बदलना है या कुछ नया शुरू करना है। हमें मैच जीतने के लिए खुद पर और अपनी क्षमता पर विश्वास करना होगा।”
दिल्ली के लिए युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि कभी-कभी क्रिकेट में सफलता हासिल करने के लिए युवाओं को अधिक मौके देने होते हैं ताकि वे बिना डरे क्रिकेट खेल पाए। इस चीज को पोंटिंग और गांगुली से बेहतर कौन जानता है।
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