नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस के पूर्व उच्चाधिकारी राजकुमार झा को पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार बनाने की मांग उठने लगी है। साफ-सुथरी छवि के पुलिस अधिकारी रहे आर. के. झा पिछले ही साल अतिरिक्त आयुक्त विजिलेंस पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और दिल्ली-एनसीआर में ऑटो-टैक्सी चालकों व परिवहन क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के बीच वह खासा चर्चित चेहरा हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस के ट्रैफिक विभाग में रहते हुए उन्होंने उनकी समस्याओं को दूर करने का काम किया था।
सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन मिथिलालोक फाउंडेशन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपील की है कि पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करवाने में पूर्वाचली मतदाताओं की निर्णायक भूमिका को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र से किसी चर्चित पूर्वाचली शख्सियत को उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जाए।
आर. के. झा का पैतृक गृह बिहार के मधुबनी जिला स्थित कछुबी गांव है और मधुबनी को मिथिला की संस्कृति का केंद्र माना जाता है।
मिथिला-संस्कृति की पहचान का सूचक पाग पर डाक टिकट जारी करवाने में अहम भूमिका निभाने वाली संस्था मिथिलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. बीरबल झा ने कहा कि पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर पूर्वाचलियों का मत किसी पार्टी को जीत दिलाने में निर्णायक साबित होता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में तकरीबन 80 लाख मैथिल निवास करते हैं, इनमें 40 लाख से ज्यादा मैथिल सिर्फ दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने कहा, “राजकुमार झा मैथिल हैं और उनको भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने से पार्टी को मैथिल व भोजपुरिया समाज का एकतरफा वोट मिल सकता है।”
डॉ. बीरबल झा ने कहा कि दिल्ली में पूर्वाचली मतदाताओं की तादाद 20 फीसदी से ज्यादा है जिसमें पूर्वी दिल्ली में सबसे ज्यादा पूर्वाचली आबादी बसती है।
डॉ. बीरबल झा ने कहा कि दिल्ली की राजनीति में मैथिलों योगदान आजादी के पहले से ही रहा है और दिल्ली के पहले उपराज्यपाल आदित्यनाथ झा मैथिल ही थे, लेकिन हाल के दिनों में कांग्रेस नेता महाबल मिश्र को छोड़ अन्य कोई मैथिल सांसद किसी पार्टी का नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए पूर्वाचलियों का वोट हासिल करने का यह मौका है। उन्होंने कहा कि एक मैथिल को दिल्ली से टिकट देने पर न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे देश के मैथिल का पार्टी के प्रति आकर्षण बढ़ेगा, क्योंकि दिल्ली में मैथिल अब उपेक्षित नहीं रहना चाहते हैं।
आर. के. झा को हाल ही में भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक इकाई भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्टर मजदूर महासंघ का चेयरमैन बनाया गया है।
उन्होंने ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी रहते हुए देश की राजधानी में लोगों को ट्रैफिक पुलिस की मनमानी से निजात दिलाई थी।
उन्होंने हॉल्टिंग रेट, सामान का प्रभार यानी लगेज चार्ज और नाइट चार्ज बढ़ाकर उनकी मदद की थी। झा ने परिवहन क्षेत्र से जुड़ी अन्य समस्याओं का भी निदान किया। बतौर पुलिस अधिकारी उनके खाते में और भी कई उपलिब्धयां हैं। उन्होंने 2009 में पुरानी दिल्ली के ईदगाह इलाके से बूचड़खाना हटाकर इसे गाजीपुर ले जाने में अहम भूमिका निभाई।
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