अमेरिका-तालिबान में शांति समझौते के तहत होगी हजारों कैदियों की सशर्त रिहाई

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दोहा, 29 फरवरी (आईएएनएस)| कतर की राजधानी दोहा में वर्षो की लंबी बातचीत के बाद अमेरिका और अफगान तालिबान शनिवार को शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं। अमेरिका के साथ ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर के लिए तालिबान प्रतिनिधिमंडल कतर पहुंच चुका है। समझौते के बाद दोनों पक्षों की ओर से हजारों कैदियों को रिहा किया जाएगा।

द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के सूत्रों ने बताया है कि अमेरिका और अफगान सरकार तालिबान के 5,000 कैदियों को रिहा करेंगे। वहीं इसके बदले में तालिबान अफगान सरकार के 1,000 कैदियों को मुक्त करेगा। अमेरिका तालिबान से एक गारंटी के बदले अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस लेने की समयसीमा भी घोषित करेगा। अमेरिका इस गारंटी पर सैनिकों को हटाएगा कि तालिबान अफगानिस्तान में अलकायदा जैसे आतंकवादी समूहों को काम करने की अनुमति नहीं देगा।

तालिबान ने कहा कि उनके उप नेता और मुख्य वार्ताकार मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात की ओर से शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। तालिबान अपने सशस्त्र आंदोलन के लिए इस्लामी अमीरात उपयोग करता रहा है।

इसी तरह तालिबान ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि और उनके मुख्य वार्ताकार जल्माय खलीलजाद के अमेरिका की ओर से शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना है। तालिबान के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से शांति समझौते के समारोह में उपस्थित होने की मांग की थी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वे आ रहे हैं या नहीं। हालांकि कुछ सूत्रों ने कहा कि माइक पोम्पिओ पहले से ही दोहा में हैं और वह इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

वहीं पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी यहां पहुंचे हैं और उनके प्रतिनिधिमंडल में तालिबान के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।

शुक्रवार को अफवाहें थीं कि कुछ मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं, जिससे शांति समझौते के हस्ताक्षर कार्यक्रम को संभवत: स्थगित किया जा सकता है। द न्यूज इंटरनेशनल के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, अफगान सरकार ने हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने के लिए शुरू में अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजने से परहेज किया, लेकिन बाद में सरकार तालिबान के साथ कैदियों की अदला-बदली कर समाधान निकालने वाली बात पर छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए सहमत हो गई।

तालिबान के अनुसार, अमेरिका के साथ उनके मुद्दे लगभग हल हो चुके हैं, लेकिन चूंकि कैदियों की अदला-बदली अफगान सरकार से संबंधित थी, इसलिए शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के एक दिन पहले इसने थोड़ा भ्रम पैदा किया।

दोहा में एक तालिबानी नेता ने कहा, “अमेरिकियों ने कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने दोहा में अफगान प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर उन्हें अपने 1000 कैदियों की सूची तालिबान के साथ साझा करने के लिए कहा।”

दोहा में तालिबान के वरिष्ठ नेता ने कहा, “हम अपने 5,000 कैदियों की सूची पहले ही अमेरिका को दे चुके हैं। बदले में हम अफगान सरकार के 1,000 कैदियों को मुक्त करेंगे, लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी सूची हमारे साथ साझा नहीं की है।”

 

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