अरुण जेटली: DU छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर वित्त मंत्री तक का सफर, जानें उनके जीवन की 10 बातें

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Arun Jaitley Political Journey : लंबे समय से बीमार चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) का शनिवार दोपहर को निधन हो गया। भाजपा के तेजतर्रार नेताओं में शुमार रहे अरुण जेटली (Arun Jaitley) अटल बिहारी वाजपेयी सरकार और 2014 की नरेंद्र मोदी सरकार में बड़ी भूमिका में रहे। अरुण जेटली भाजपा के उन नेताओं में रहे जिन्होंने ABVP के कार्यकर्ता से लेकर देश के केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर पूरा किया।

आइये जानते हैं अरुण जेटली (Arun Jaitley) के जीवन से जुड़ी 10 बातें…

–  अरुण जेटली (Arun Jaitley) का जन्म 28 दिसंबर 1952 को दिल्ली में हुआ था।

–  अरुण जेटली (Arun Jaitley) की शुरुआती पढ़ाई नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई, इसके बाद उन्होंने DU के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया और इसके फिर DU से ही लॉ की पढ़ाई पूरी की।

–  छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे जेटली (Arun Jaitley) ABVP के कार्यकर्ता रहे और 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए।

–  आपातकाल में अरुण जेटली (Arun Jaitley) को भी सरकारी दमन झेलना पड़ा और उन्हें तिहाड़ और अंबाला जेल में बतौर कैदी रखा गया।

–  जेटली (Arun Jaitley) के पिता वकील थे और खुद जेटली भी पिता की तरह वकालत के पेशे में अपना भविष्य देखते थे। 1977 में लॉ की डिग्री हासिल करने      के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू किया। 1990 में वो दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील बने।

–  24 मई 1982 को संगीता डोगरा के साथ उनका विवाह हुआ था। संगीता जम्मू कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री गिरधारी लाल डोगरा की बेटी हैं।         अरुण जेटली दो बच्चों के पिता हैं।

–  अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने 1991 में भाजपा ज्वाइन किया और मेनस्ट्रीम राजनीतिक पारी की शुरुआत की, फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह बीजेपी के प्रवक्ता और महासचिव जैसे पदों पर रहे। 2009 में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी चुने गए।

–  1999 में वे वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जेटली (Arun Jaitley) ने रक्षा, वित्त और सूचना-प्रसारण मंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई।

–  अरुण जेटली (Arun Jaitley) सिर्फ एक बार लोकसभा का चुनाव लड़े जिसमें उन्हे हार का सामना करना पड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में वो अमृतसर से भाजपा के उम्मीदवार थे। हालाँकि, कांग्रेस नेता और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के हाथों उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

–  मई 2019 में भाजपा की दोबारा सरकार बनने के बाद जेटली (Arun Jaitley) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह स्वास्थ्य कारणों से नई सरकार में कोई ज़िम्मेदारी नहीं चाहते हैं।


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This post was last modified on August 24, 2019 12:47 PM

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