Assam Blast Case 2008 Latest News: 2008 के असम सीरियल ब्लास्ट मामले में सोमवार को सीबीआई की एक अदालत ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के प्रमुख रंजन दिमरी सहित 15 आरोपियों को दोषी ठहराया। सजा की सुनवाई 30 जनवरी को की जाएगी। चलिए अब आपको बताते है, आखिर क्या है एनडीएफबी?
एनडीएफबी(NDFB) मतलब नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड एक ऐसा संगठन है जिसका मकसद है असम से बोडो बहुल इलाके को अलग कर एक स्वतंत्र और संप्रभु बोडोलैंड देश की स्थापना। आपको बता दें, भारत सरकार ने इस ग्रुप को आतंकी गुट की श्रेणी में डाल रखा है। 1986 में बना ये संगठन सामूहिक नरसंहार के लिए कुख्यात है और ऐसे हमलों में वो अब तक हजार से भी ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। इस ग्रुप में फिलहाल 1200 के करीब आतंकी हैं, जो अक्सर सुरक्षा बलों और गैर बोडो समुदाय पर अक्सर हमला करते रहते हैं। एक समय ये संख्या 3500 से ज्यादा थी, लेकिन भारत और भूटानी सुरक्षा बलों के अभियानों और आंतरिक फूट के चलते इसकी ताकत कम हो रही है। जिसकी बौखलाहट में इस संगठन ने अपने हमलों को तेज कर दिया है।
एनडीएफबी(NDFB) को अघोषित तौर पर चीनी मूल के आतंकी संगठनों से मदद मिलती है। ये मदद म्यांमार के रास्ते इन तक पहुंचती है। इनकी पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एनडीएफबी का जाल भारत, म्यांमार, बांग्लादेश, और भूटान में फैला हुआ है। हालांकि भारत सरकार के अनुरोध पर भूटानी सेना ने भूटान के अंदर से गतिविधियां संचालित कर रहे एनडीएफबी के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई की थी। भूटानी सेना के चलाए ऑपरेशन ऑल क्लियर में एनडीएफबी के कई लड़ाके गिरफ्तार हुए, तो कई मार गिराए गए। भूटानी सेना की इस कार्रवाई के दौरान एनडीएफबी का प्रचार सचिव लापता हो गया था, जिसके बारे में अबतक कोई खबर नहीं है। 2006 में एनडीएफबी और भारत सरकार के बीच संघर्ष विराम का समझौता भी हुआ था, लेकिन ये 6 महीने तक ही चला था क्योंकि एनडीएफबी ने लोगों पर हमले करने की नीति नहीं छोड़ी थी और न ही अपने हथियार डाले थे।
एनडीएफबी की गतिविधियां मुख्यता ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और उत्तर पश्चिम से संचालित होती हैं। ये गुट असम के बोंगाईगांव, बरपेटा, ढुबरी, कोकराझार, दर्रांग, नलबरी और सोनितपुर जिलों में सक्रिय है।
ये ख़तरनाक गुट मेघालय की गारो पहाड़ियों में भी सक्रिय है। साथ ही भूटान को छिपने की जगह के तौर पर इस्तेमाल करता है। जो मानस राष्ट्रीय उद्यान से होकर भूटान में घुसपैठ करता है। हालांकि भूटानी सेना की कार्रवाई के बाद भूटान से इस गुट को अपना बोरिया बिस्तर समेटने को मजबूर होना पड़ा।
एनडीएफबी में मुख्य रूप से दो गुट हैं, पहला आईके सांग्बिजित के नेतृत्व में एनडीएफबी(एस), जो समय-समय पर भारत सरकार से वार्ता के पक्ष में रहा है। वहीं, दूसरा धड़ा एनडीएफबी(आर-बी) रंजन डायमरी के नेतृत्व में जो हमेशा से संघर्ष का ही रास्ता अख्तियार करता रहा है। हालांकि पहले दोनों धड़े एक ही थे, लेकिन साल 2012 के बाद से दोनों धड़े अलग हुए हैं। ज्यादातर हमलों के लिए एनडीएफबी(आर-बी) ग्रुप ही जिम्मेदार है।
This post was last modified on January 28, 2019 8:06 AM
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