Assam Serial Blast Case: 2008 के असम सीरियल ब्लास्ट मामले में सोमवार को सीबीआई की एक अदालत ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के प्रमुख रंजन दिमरी सहित 15 आरोपियों को दोषी ठहराया। सजा की सुनवाई 30 जनवरी को की जाएगी। आपको बता दें, NDFB एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन है जो बोडो लोगों के लिए एक स्वायत्त क्षेत्र बोरोलैंड की तलाश करता है। इसे गृह मंत्रालय द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है।
अक्टूबर 2008 में, असम में हुए बम धमाकों में 63 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे। हमलावरों ने दो मारुति 800 कारों और विस्फोटकों के साथ मोटरबाइक का इस्तेमाल किया और उन्हें नौ स्थानों पर रणनीतिक रूप से पार्क किया था।
विस्फोट दोपहर के वक़्त पूरे असम में एक सिंक्रनाइज़ फैशन में हुआ था। पहला विस्फोट असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के कार्यालय से 300 मीटर की दूरी पर हुआ था।लगभग उसी समय, असम के निचले इलाकों में कोकराझार, बोंगईगांव और बारपेटा जिलों के भीड़ भरे बाजारों में भी बमबारी हुई थी।
असम पुलिस से जांच लेने के बाद, सीबीआई ने 22 आरोपियों का नाम लेते हुए दो आरोप पत्र दायर किए थे। इस मामले में पहली चार्जशीट 2009 में दायर की गई थी और दूसरी 2010 में दायर की गई थी। इस मामले में मुकदमे में तेजी लाने के लिए, राज्य सरकार ने 2017 में फास्ट-ट्रैक केस की स्थापना के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय की सिफारिश को मंजूरी दी थी।