नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)| आज के समय और दौर में अधिकतर कलाकार प्रासंगिक बने रहने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हालांकि तीन दशक के अधिक समय से संगीत जगत से जुड़े रहने वाले लकी अली इसे ‘अप्रासंगिक’ रहना कहते हैं।
लकी का कहना है कि उनके गानों पर ऑनलाइन व्यूज की संख्या को देखकर उन्हें रोमांच महसूस नहीं होता है।
लकी ने आईएएनएस को बताया, “जब लोग इसे (मेरे गाने) पसंद करते हैं तो मुझे खुशी होती है, लेकिन अगर आपको इससे खुशी होती है कि ‘हे भगवान! मुझे कितने सारे लाइक्स मिले हैं’, तो आप हारे हुए हैं क्योंकि यह वही है जिस पर आप निर्भर हैं।”
61 वर्षीय इस गायक ने आगे कहा, “आपको उस पर निर्भर रहना चाहिए जो आपका दिल कहता है। क्या आप जो कर रहे हैं उसके बारे में अच्छा महसूस कर रहे हैं या क्या आपने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि आप ‘वो’ करना चाहते हैं? यह अस्थायी है। आपका दिल जो महसूस करता है वही स्थायी है।”
साल 1996 में उनका गाया पॉप गाना ‘ओ सनम’ को आज भी लोग गुनगुनाते हैं। साल 2000 में उन्होंने फिल्म ‘कहो न प्यार है’ के गाने ‘इक पल का जीना’ और ‘ना तुम जानो ना हम’ को गाने के साथ बॉलीवुड में अपना कदम रखा ।
लकी अली ने काफी अच्छे गीत गाए हैं, लेकिन बावजूद इसके वह लाइमलाईट से दूर चले गए। आज उनका कहना है कि वह प्रासंगिक बने रहने के लिए प्रयास नहीं करते हैं।
खर, अब लकी एक नई सफर की शुरुआत करने जा रहे हैं। उन्होंने इजरायली इंडी रॉकर एलाइजर बोट्जर ने एक नए एलबम के लिए हाथ मिलाया है, जिसका शीर्षक ‘लेमाल्ला’ है। इस एलबम के पहले गीत ‘ऑन माई वे’ को रिलीज कर दिया गया है।
इसके अलावा लकी की योजना आने वाले समय में अपने प्रशंसकों के लिए और भी कई गीतों को लाने की है।
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