नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस के कर्मियों द्वारा अपने ही विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने से यह स्पष्ट हो गया कि दिल्ली पुलिस में सब कुछ ठीक नहीं है और दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के अपने जूनियर्स के साथ रिश्ते भी अच्छे नहीं हैं। दिल्ली पुलिस के जूनियर्स और उनके परिजनों ने विरोध प्रदर्शन दो नवंबर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिसकर्मियों तथा वकीलों के बीच हिंसक लड़ाई के बाद कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद किया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस के शीर्ष अधिकारी जूनियर्स को बचा नहीं रहे, बल्कि उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
आईएएनएस ने उन घटनाक्रमों का पता लगाने की कोशिश की, जिनके बाद दिल्ली पुलिस के जूनियर्स द्वारा अपने ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ा।
यहां कुछ घटनाएं हैं-
मुखर्जी नगर : सड़क पर रोक कर मारपीट करने की एक छोटी घटना, जो बाद में भीषण हिंसा में बदल गई, आरोप था कि मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन में तैनात वर्दी और बिना वर्दी के पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से ऑटो चालक सरबजीत सिंह और उसके बेटे पर हमला किया। आरोप था कि सरबजीत सिंह ने पुलिसकर्मियों पर तलवार से हमला किया।
राजधानी की व्यस्ततम सड़क पर हुई यह घटना सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हो गई।
लेकिन इस घटना पर सबसे ज्यादा ध्यान गया जब पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने अपने ही पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया, जब कि यह जानकारियां भी सार्वजनिक हो गई थीं, जिनमें सरबजीत मारपीट के कई अन्य मामलों में भी शामिल रह चुका था, और एक मामले में तो उसने एक व्यक्ति का हाथ ही तोड़ दिया था।
डीसीपी द्वारा ट्रैफिक निरीक्षक को थप्पड़ मारना : मार्च 2019 में खबरें आईं कि दिल्ली पुलिस ने अपने एक ट्रैफिक निरीक्षक की शिकायत पर नई दिल्ली जिला के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मधुर वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। ट्रैफिक निरीक्षक का आरोप था कि डीसीपी ने उन्हें कई बार थप्पड़ मारे हैं।
ट्रैफिक निरीक्षक का तीन पन्नों का एक पत्र विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल होने के बाद यह मामला प्रकाश में आया। पत्र में डीसीपी पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था।
ट्रैफिक निरीक्षक ने पत्र में कहा था कि वह तुगलक रोड सर्किल पर तैनात थे, जब उन्होंने गलत दिशा में चल रही पंजाब के पंजीकरण नंबर की एक गाड़ी को रोका, गाड़ी की वजह से वहां जाम लग गया था। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कार रोककर वाहन चालक रोहित से पूछताछ की तो एसयूवी के कथित चालक ने कहा कि वह वर्मा का ड्राइवर है।
शिकायत के अनुसार, रोहित ने निरीक्षक को धमकी दी और अपशब्द कहे। इसके कुछ ही मिनटों के बाद वर्मा ने रात लगभग 11 बजे तक पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन आने को कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्मा ने पुलिस स्टेशन में ना सिर्फ उनका मोबाइल छीन लिया बल्कि अपशब्द भी कहे और थप्पड़ा मारा। उन्होंने कहा कि उन्हें गैर कानूनी ढंग से हिरासत में भी रखा गया।
इस बीच डीसीपी वर्मा ने भी निरीक्षक के खिलाफ दिल्ली पुलिस स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करने और रोहित को धमकाने का मामला दर्ज कराया है।
ट्रैफिक पुलिसकर्मी कैमरे पर रोया : मई 2019 में दिल्ली पुलिस के एक ट्रैफिक कर्मी ने ऑनलाइन वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाया कि उसके वरिष्ठ अधिकारियों ने उसका उत्पीड़न किया है। वीडियो में आपबीती सुनाते समय उसे रोते हुए भी देखा जा रहा था।
इंटरनेट पर अपलोड वीडियो में उसने आरोप लगाया कि एसीपी रैंक के एक अधिकारी ने उसकी अनुपस्थिति लगा दी है।
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