नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत अपनी डेटा और नवाचार क्षमताओं के साथ दुनिया की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रयोगशाला बन सकता है। यह बात नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने शनिवार को कही।
एआई- ‘राइज 2020’ कार्यक्रम पर आगामी वैश्विक वर्चुअल शिखर सम्मेलन का अनावरण करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए कांत ने कहा कि एआई जीवन को बदलने में मदद कर सकता है।
उन्होंने कहा, “भारत हेल्थकेयर, शिक्षा, वित्त, कृषि और शासन जैसे क्षेत्रों में सामाजिक सशक्तिकरण के लिए एआई-आधारित समाधान विकसित कर रहा है। अपने डेटा और नवाचार कौशल के बल पर, भारत दुनिया की एआई प्रयोगशाला बन सकता है, जो सामाजिक मुद्दों की श्रेणी में व्यापक समाधान प्रदान करता है।”
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय और नीति आयोग की ओर से पांच से नौ अक्टूबर के बीच वर्चुअल समिट राइज 2020 (सामाजिक सशक्तिकरण के लिए जवाबदेह कृत्रिम मेधा) का आयोजन किया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत में ही नहींस बल्कि दुनिया भर में सभी को लाभ पहुंचाने वाले मजबूत एआई- संचालित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर चर्चा शुरू करना है।
बयान में कहा गया है, “भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ग्लोबल पार्टनरशिप के संस्थापक सदस्यों में से एक, एआई-आधारित समाधानों को न केवल घरेलू स्तर पर लागू करने का लक्ष्य रखता है, बल्कि दुनियाभर के देशों में भी इसका लक्ष्य है, ताकि इनसे व्यापक सामाजिक सशक्तीकरण और समृद्धि हो सके।”
–आईएएनएस
एकेके/एसजीके
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