पटना, 28 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार में हो रही भारी बारिश से पटना सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राजधानी पटना की सभी सड़कें जलमग्न हो गई हैं। इधर, जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में पानी घुस गया है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए पटना सहित राज्य के अधिकांश जिलों में स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया है। पटना की कई सड़कों पर दो से चार फीट तक पानी बह रहा है। सांसद राजीव प्रताप रूड़ी और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के पटना स्थित आवास में भी पानी घुस गया है।
पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने आईएएनएस को बताया कि अत्याधिक बारिश होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए जा रहे हैं तथा जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी निकालने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि दो दिनों तक राज्य के सभी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
इधर, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी पानी घुस गया है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन ने हालांकि इस संबंध में बस इतना ही कहा कि पानी घुस गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बारिश ने नगर निगम और राज्य सरकार की तैयारियों की पोल-खोल दी है। लोग कहते हैं कि क्या यही सुशासन है।
मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान पटना में 98 मिलीमीटर, भागलपुर में 134 मिलीमीटर और गया में 73 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
इधर, विपक्ष अब इस स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है। राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार के अथक सुशासनी प्रयास से कथित स्मार्ट सिटी पटना के 80 फीसदी घरों में बारिश और नालों का गंदा पानी घुस चुका है। सभी जन व्यवस्थाएं ध्वस्त हैं। 15 साल से ड्रेनेज प्रोजेक्ट के नाम पर सुशासनी बाबुओं ने अरबों करोड़ रुपये डकार लिए।”
तेजस्वी ने कहा, “हर बारिश में पटना डूब जाता है। सभी स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में मछलियां तैरने लग जाती हैं और आदतन माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बड़बोले मंत्रीगण जवाबदेही लेने की बजाय चमकी बुखार, बाढ़, सुखाड़ और जलजमाव के लिए चूहों या प्रकृति को दोषी ठहराने में व्यस्त हो जाते हैं।”
इधर, पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने कहा कि बिहार सरकार लोगों पर जुल्म को ही अपना परम उद्देश्य मानती है। राजधानी में भी लोगों को जीने का मौलिक अधिकार नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा कि भीषण बारिश की संभावना के बावजूद ट्रैफिक के काले कानून के जरिए आम लोगों को लूटने में लगे शासन-प्रशासन का नतीजा है यह आपदा।
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