भागलपुर, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| तीन दशक से ज्यादा हो गए, लेकिन भागलपुर के सीमावर्ती क्षेत्र सन्हौला और झारखंड के गोड्डा के बीच संपर्क का सुगम रास्ता बहाल नहीं हो पाया है, जिस कारण गोड्डा जिले के महागामा अनुमंडल क्षेत्र को बिहार के भागलपुर क्षेत्र से जोड़ने का सपना आज भी अधूरा है।
इस क्षेत्र के लोगों की यह मांग वर्ष 2002 में तत्कालीन सांसद सुबोध राय ने जब लोक सभा में उठाई थी, तब पुल तो बन गया परंतु संपर्क पथ के अभाव में बना हुआ पुल भी बेकार पड़ा हुआ है।
एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि झारखंड एवं बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र के चौतरफा विकास के लिए हनवारा (झारखंड) एवं सन्हौला (बिहार) को जोड़ने के लिए गेरुआ नदी पर पुल का शिलान्यास 2009-2010 में भागलपुर के तत्कालीन सांसद शाहनबाज हुसैन ने किया।
बिहार के तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने इस पुल को स्वीकृति दिलाई और करीब 20़ 50 करोड़ रुपये की लागत से 2015 में इस पुल का निर्माण पूरा हो गया।
बिहार और झारखंड को जोड़ने वाली सड़क सन्हौला-हनवारा पथ पर गेरुआ नदी में बना हनवारा पुल अपने निर्माण के चार वर्षो के बाद भी आवागमन के लिए तैयार नहीं हो सका है।
सूत्रों का कहना है कि इसका मुख्य कारण है बिहार राज्य की तरफ से पुल तक पहुंचने के लिए संपर्क (एप्रोच ) सड़क का नहीं बन पाना। झारखंड की तरफ से पुल पर जाने का सड़क बनकर तैयार है।
सूत्र बताते हैं कि बिहार की तरफ से संपर्क पथ नहीं बनने मे मुख्य समस्या जमीन अधिग्रहण की है। बिहार की तरफ से पुल तक जाने के लिए लोगों की निजी जमीन आड़े आ रही है। इस जमीन का बिहार सरकार की तरफ से अधिग्रहण नहीं हो सका है। वर्तमान समय में नदी से होकर बने डायवर्सन की तरफ से ही गाड़ियां आती-जाती हैं।
क्षेत्र के निवासी जयशंकर मिश्रा जो मुंबई में रहते हैं, उनका कहना है कि इस मार्ग के शुरू होने से बिहार-झारखंड के सात प्रखंडों के लोग लाभान्वित होंगे। इन प्रखंडों के लोगों को अभी बरसात के महीने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। वे गेरुआ नदी को नाव के सहारे पार कर अपने घर जाते हैं। वर्तमान में एकचारी होकर आना पड़ता है, जिससे भागलपुर से गोड्डा की दूरी करीब 70 किलोमीटर पड़ती है। पुल बनने के बाद लगभग 25 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी।
महागामा के विधायक अशोक कुमार भगत कहते हैं, “गेरुआ नदी पर बना यह पुल 2015-16 में यह बनकर तैयार हो गया, लेकिन भागलपुर जिले के उस पुल के एप्रोच रोड को लेकर जमीन विवाद के कारण निर्माण एजेंसी काम पूरा नहीं कर पाई है। पुल निर्माण कार्य बिहार सरकार का है। बिहार सरकार को ही निर्णय लेना है।”
राज्य के पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा कहते हैं, “इस पुल पर जाने के लिए संपर्क सड़क बनना है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए भागलपुर जिलाधिकारी से बातचीत हुई है। हनवारा पुल के पास भूमि अधिग्रहण के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जमीन मालिकों को मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहण कर संपर्क सड़क बनाने की दिशा में अविलंब कार्रवाई की जाए।”
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण की समस्या जल्द निपट जाएगी और एप्रोच रोड बनाने के बाद मार्च तक आवागमन शुरू हो जाएगा।
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