बिहार: कानून मंत्री ने तोड़ा कानून, मनमाने तरीके से बेटे को बनाया सरकारी वकील, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

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पटना हाईकोर्ट ने बिहार के शिक्षा व कानून मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा को कानूनी नोटिस जारी की है। उन पर अपने बेटे मुकेश नंदन वर्मा को अवैध तरीके से लोक अभियोजक बनाने का आरोप है। न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने सुशील कुमार चौधरी की रिट याचिका को सुनते हुए शुक्रवार को यह आदेश दिया। याचिका में आरोप है कि जहानाबाद की निचली अदालतों में इस तरह की कई अवैध नियुक्तियां हुईं हैं।

बिना विज्ञापन के बनाया पैनल

याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि 10 जनवरी 2019 को विधि विभाग से निर्गत अधिसूचना के तहत कानून मंत्री के पुत्र मुकेश नंदन वर्मा को जहानाबाद जिला के पॉक्सो कोर्ट का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया। विधि विभाग द्वारा तीन अन्य वकील राकेश कुमार, संजय कुमार तथा श्याम नारायण को भी स्पेशल पीपी बनाया गया। आरोप है कि जहानाबाद जिला में बिना प्रक्रिया अपनाए 21 अपर लोक अभियोजक का भी पैनल बनाया गया। पीपी, एपीपी, स्पेशल पीपी एवं अन्य तरह के सरकारी पैनल बनाये जाने के पहले विज्ञापन निकाला जाना जरूरी है। हाईकोर्ट ने एक फैसले में साफ कर दिया था कि बिना विज्ञापन एवं विधिसम्मत प्रक्रिया अपनाए सरकारी वकीलों का पैनल नहीं बनेगा।

हाईकोर्ट में किया गया अपील

हाईकोर्ट के वरीय वकील दीनू कुमार ने बताया कि बिहार सरकार लॉ अफसर की बहाली के लिए जो नियम बनाए थे उसे पटना हाईकोर्ट ने 16 जुलाई 2018 को निरस्त कर दिया। इसके बाद बिहार सरकार ने लॉ ऑफिसर की बहाली के लिए कोई नया नियम नहीं बनाया है। इसके बावजूद 10 जनवरी 2019 को बिना नियम और विज्ञापन के ही विधि मंत्री के बेटे सहित 5 को स्पेशल पीपी बना दिया गया। साथ ही 21 अपर लोक अभियोजक की नियुक्ति की गई।

उन्होंने आगे बताया है कि नियम के विरूद्ध हुई बहाली के बाद पटना हाईकोर्ट में सुशील कुमार चौधरी ने अपील किया था जिसपर आज हाईकोर्ट में के अनिल कुमार उपाध्याय की बेंच पर सुनवाई हुई है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने विधि मंत्री को नोटिस दिया है। वकील दीनू कुमार ने कोर्ट मे दलील दिया है कि विधि मंत्री के बेटे की वजह से नियम विरूद्ध बहाली की गई है।

हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है कि किस आधार पर स्पेशल पीपी सहित एपीपी की बहाली की गई। इस संबंध में विधि मंत्री को 18 जून 2019 तक जवाब देने को कहा है। अब अगली सुनवाई 18 जून को होगी।

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