बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के बारे में राज्य के एक विश्वविद्यालय ने अजीब दावा पेश किया है। पटना के पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मऊ जिले का सबसे अमीर राजनेता घोषित किया है, यहां तक की मुख्तार अंसारी से भी अमीर। गौरतलब है कि राज्यपाल ही राज्य के विश्वविद्यालयों के चांसलर होते हैं। ऐसे में हर विश्वविद्यालय की साइट पर चांसलर के तौर पर राज्य के राज्यपाल का नाम और उनका परिचय होता है।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की साइट पर चांसलर के बारे में लिखा है, “माननीय फागू चौहान बिहार के राज्यपाल और भारतीय राजनेता के साथ ही उत्तर प्रदेश की 17 वीं विधान सभा के सदस्य हैं। वह घोसी विधानसभा से एकमात्र विधायक हैं, जिन्होंने अधिकतम 6 बार इस सीट से जीत दर्ज की है। वह उत्तर प्रदेश के घोसी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके कई व्यावसायिक पेशे हैं, जैसे- ट्रांसफार्मर फैक्ट्री और कोल्ड स्टोरेज। वह मऊ जिले में मुख्तार अंसारी से भी अमीर राजनेता हैं।”
ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या राज्यपाल या चांसलर जैसे सम्मानित पदों पर बैठे व्यक्ति के परिचय में ऐसी बातें लिखना कहां तक सही है जिसमें किसी राजनेता के सम्पत्ति की तुलना उनसे की जाए।
फागू चौहान ने बिहार के राज्यपाल के तौर पर 29 जुलाई को शपथ ली थी। उत्तर प्रदेश के घोसी के विधायक रह चुके उत्तर प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं। चौहान उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। खासकर पिछड़ा वर्ग में इनका नाम राज्य के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है। चौहान बिहार के राज्यपाल रहे लालजी टंडन के मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिये जाने के बाद राज्यपाल बने थे।
This post was last modified on September 15, 2019 6:44 PM
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