मैं फीकी पड़ रही कहानियों को बताना चाहती हूं

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नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)| बेंगलुरु की रहने वाली डिजाइनर परिनीता एम.एन. अंतर्राष्ट्रीय मंच ग्लोबल फैशन द्वारा चुनी गई हैं, जिसके तहत वह 30 सितंबर से शुरू होने वाले पेरिस फैशन वीक एस/एस20 में अपने कार्य का प्रदर्शन करेंगी। परिनीता अपने लेबल ‘परीहा’ के अर्न्तगत अपने नए कलेक्शन ‘टू हाफ्स’ का प्रदर्शन करेंगी।

परिनीता ने अपने लेबल और अपने लेटेस्ट कलेक्शन के बारे में आईएएनएस लाइफ से बात की, जिसके कुछ अंश इस प्रकार हैं :

अपने सफर के बारे में बताइए?

परिनीता : बचपन में मैं एक एयर होस्टेस बनना चाहती थी। एकबार जब मैं कक्षा 5 में थी तो मेरी मां ने मुझसे पूछा कि अगर हवाई जहाज हाइजैक हो गया तो फिर मैं क्या करूंगी? मैंने तुरंत जवाब दिया कि तो फिर मैं एक फैशन डिजाइनर बनूंगी। कहीं न कहीं ये बात मेरे दिमाग में बैठ गई और आज मैं यहां हूं।

‘परीहा’ किस चीज के बारे में है?

परिनीता : मैंने एनआईएफटी, बेंगलुरु से 2012 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एक रिटेल कंपनी के लिए एक डिजाइनर के तौर पर काम करने लगी, लेकिन मैं कुछ और बड़ा करना चाहती थी इसलिए मैंने अपनी जॉब छोड़ दी और अपने नए लेबल ‘परीहा’ पर काम करना शुरू कर दिया। यह देखकर काफी दुख होता है कि लोग कितनी आसानी से यह भूलते जा रहे हैं कि भारत की संस्कृति कितनी समृद्ध है। हम सभी भविष्य की ओर तेज भाग रहे हैं और पुरानी चीजों के स्थान पर नई चीजों को अपना रहे हैं। मैं चाहती हूं कि लोग थोड़ा रूकें, सोचें और महसूस करें कि हमारी जड़ें कितनी खूबसूरत हैं। मैंने ‘परीहा’ को साल 2016 में लॉन्च किया और इसकी फिलोसॉफी ‘संस्कृति की पुनखरेज’ रही। मैं उन कहानियों को बताना चाहती हूं जो धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही है। मैंने यक्षगान, गंजिफा कार्ड्स जैसे कई थीम्स को लेकर काम किया है और साल 2018 के सितंबर में वैंकूवर फैशन वीक में इनका प्रदर्शन भी किया है। ब्रिटिश वोग में इन्हें इस साल प्रकाशित किया गया।

पेरिस फैशन वीक की बात कैसे बनी?

परिनीता : ग्लोबल फैशन कलेक्टिव वैंकूवर फैशन वीक का एक विस्तृत रूप है। चूंकि मैं उनके साथ पिछले साल काम कर चुकी हूं तो अबकी बार एक और कदम आगे बढ़ना था। पेरिस फैशन वीक में उनका यह पहली बार है।

आप किन चीजों का प्रदर्शन करने वाली हैं?

परिनीता : मेरा कलेक्शन ‘टू हाफ्स’ हम में से हर एक के अंदर छिपे कलाकार से प्रेरित है। हमें शायद खुद के अंदर झांककर देखने में डर महसूस होता है। हम चाहे खुद को कितना ही अनुपयुक्त क्यों न सोचे, लेकिन इस ब्रह्मांड में एक ऐसी भी जगह है जहां हमें जैसे बने रहना चाहिए, हम वैसे ही बनकर रह सकते हैं। जब हम साथ में मिलकर कुछ बनाते हैं तो हम एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। अगर हम में से कोई भी एक गायब है तो यह निर्थक है। अपने इस कलेक्शन के माध्यम से मैं लोगों को अपने अंदर के कलाकार को बाहर निकालने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद करती हूं।

आपके पसंदीदा डिजाइनर्स कौन हैं?

परिनीता : सब्यसाची मुखर्जी और मार्क जैकब्स।

कोई फैशन टिप्स?

परिनीता : अपने खुद के अस्तित्व को मिटने न दें। कोई भी आपकी जगह नहीं ले सकता। आपको किसी और की तरह नहीं बनना चाहिए। आप जो हैं उसे ढूंढ़ने का प्रयास करें तो सबकुछ समझ आने लगेगा। जैसे हैं वैसे ही रहें क्योंकि यही दुलर्भ है।

 

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