बुद्ध पूर्णिमा : बोधगया में गूंजा ‘बुद्धम् शरणम् गच्छामि’

Follow न्यूज्ड On  

गया। भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया शनिवार को ‘बुद्ध पूर्णिमा’ के मौके पर हर ओर ‘बुद्धम् शरणम् गच्छामि’ की गूंज सुनाई दी। भगवान बुद्ध की 2563वीं जयंती के मौके पर महाबोधि मंदिर में बोधिवृक्ष के नीचे बौद्ध भिक्षुओं ने सुत्तपाठ किया।

इस अवसर पर बौद्ध धर्मावलंबियों ने भगवान की जीवनी पर आधारित मोहक झांकियां प्रस्तुत की।

जयंती समारोह की मुख्य अतिथि मगध प्रमंडल की आयुक्त तेनजिन नीमा विंध्येश्वरी ने कहा कि आज भी भगवान बुद्ध के संदेश प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, “दुनिया में शांति का संदेश देनेवाले बुद्ध की ज्ञानस्थली पर बने महाबोधि मंदिर में जाकर हमें संकल्प लेने की जरूरत है कि विश्व में शांति और भाईचारा का प्रसार हो।”

बोधगया स्थित 80 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा स्थल से महाबोधि मंदिर तक शांति मार्च निकाला गया। बोधगया की सड़कों पर निकले इस मार्च में विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु, बौद्ध धर्मावलंबी, श्रद्धालु, लामा एवं स्थानीय विभिन्न विद्यालयों के भारी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

इस मौके पर बौद्ध धर्मावलंबियों ने भंते एवं बौद्ध भिक्षुओं को संघदान भी कराया।

उधर, पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुद्ध जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में प्रतिस्थापित बोधिवृक्ष की पूजा-अर्चना की, जो बौद्ध भिक्षुओं ने कराई।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर समस्त बिहारवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन भी पटना के ‘बुद्ध पार्क’ में भगवान बुद्ध की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की और उन्हें नमन किया। राज्यपाल को बोधगया से आए भंते डॉ़ वन्ना थारे एवं डॉ़ आनंद थेरो ने भगवान बुद्ध की पूजा कराई।

राज्यपाल टंडन ने भगवान बुद्ध की पूजा-अभ्यर्थना करते हुए बिहारवासियों और देशवासियों के कल्याण और समृद्धि की मंगलकामना की तथा विश्वास व्यक्त किया कि भगवान बुद्ध की कृपा से बिहार सहित संपूर्ण देश तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर होगा।

राज्यपाल ने पूजा के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज सारे विश्व में भगवान बुद्ध के अनुयायी रहते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के सत्य, अहिंसा, प्रेम और करुणा के संदेश समस्त मनुष्यता के लिए प्रेरणादायी हैं। राज्यपाल ने कहा कि भगवान बुद्ध ने न केवल मनुष्य, बल्कि समस्त जीवों के प्रति करुणा और प्रेम रखने का संदेश दिया।

राज्यपाल ने कहा कि भगवान बुद्ध के जीवन-दर्शन से हमें प्रेम, बंधुत्व, त्याग, विनम्रता, सहजता, सदाशयता और मनोविकारों की परिशुद्धि की सत्प्रेरणा मिलती है।

This post was last modified on May 18, 2019 8:11 PM

Share

Recent Posts

जीआईटीएम गुरुग्राम ने उत्तर भारत में शीर्ष प्लेसमेंट अवार्ड अपने नाम किया

नवीन शिक्षण पद्धतियों, अत्याधुनिक उद्यम व कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से, संस्थान ने अनगिनत छात्रों…

March 19, 2024

बिहार के नींव डालने वाले महापुरुषों के विचारों पर चल कर पुनर्स्थापित होगा मगध साम्राज्य।

इतिहासकार प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ अहमद ने बिहार के इतिहास पर रौशनी डालते हुए बताया कि बिहार…

March 12, 2024

BPSC : शिक्षक भर्ती का आवेदन अब 19 तक, बिहार लोक सेवा आयोग ने 22 तक का दिया विकल्प

अब आवेदन की तारीख 15 जुलाई से 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।

July 17, 2023

जियो ने दिल्ली के बाद नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में ट्रू5जी सर्विस शुरु की

पूरे दिल्ली-NCR में सर्विस शुरु करने वाला पहला ऑपरेटर बना

November 18, 2022

KBC 14: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कौन थे, जिन्होंने इंग्लैंड में भारत को अंतिम बार एक टेस्ट सीरीज जिताया था?

राहुल द्रविड़ की अगुवाई में टीम इंडिया ने 1-0 से 2007 में सीरीज़ अपने नाम…

September 23, 2022