सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने अगले साल के लिए अपने सिलेबस में 30% कटौती का ऐलान किया है। मंगलवार शाम को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ट्विटर पर इस संबंध में एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके तहत नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) से पढ़ाई करवाने वाले 22 राज्यों में साल 2020-21 अकादमिक सत्र के लिए 9वीं से 12वीं के कोर्स में एक-तिहाई की कटौती कर दी गई है।
इसके लिए NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया और उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए यह फैसला लिया गया। वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयार करने को कहा है।
1. देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में में चल रही हेल्थ इमरजेंसी और कोविड -19 महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद करने से स्कूलों में पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। इसलिए बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए सिलेबस को संशोधित करने का फैसला किया है।
2. संबंधित कोर्स कमेटियों ने बोर्ड समिति और गर्वनिंग बॉडी की सहमति से मौजूदा असाधारण स्थिति को देखते हुए कोर्स का रिवीजन करना एक उपाय है। इसमें मूलभूत कंसेप्ट को कायम रखते हुए सिलेबस में सीखने के उद्देश्य को आधार बनाकर तर्कसंगत बदलाव किए गए हैं।
3. स्कूल प्रमुख और शिक्षक यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जिन टॉपिक्स को कम किया गया है, उन्हें छात्रों को विभिन्न विषयों के साथ कनेक्ट करने के लिए जरूरी सीमा तक समझाया जाए।
4. नए सत्र के लिए कम किया गया सिलेबस आंतरिक मूल्यांकन और साल के अंत में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए विषयों का हिस्सा नहीं होगा। वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर और विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करके सिलेबस को समझाने के लिए NCERT के इनपुट भी शिक्षण पद्धति का हिस्सा हो सकते हैं।
5. कक्षा पहली से 8वीं तक की प्राथमिक कक्षाओं के लिए स्कूल NCERT की ओर से जारी वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर और लर्निंग का अनुसरण कर सकते हैं।
मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को मौजूदा हालात को देखते हुए कोर्स कटौती को लेकर बोर्ड को दी गई सलाह के बारे में ट्वीट किया। इसके कुछ देर बाद CBSE की ओर से कटौती का सर्कुलर जारी कर दिया गया।
बता दें कि पाठ्यक्रम को कम करने के लिए काम कर रही समिति ने विभिन्न स्कूल प्रबंधन, अभिभावकों, राज्यों, शिक्षाविद और शिक्षकों के सुझावों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि, इस दौरान कमेटी ने इस बात का ख्याल रखा है कि एक पूरा चैप्टर या हटाने की उन टॉपिक्स को हटाया जाए, जो या तो दोहराए गए हैं या जिसे अन्य अध्यायों के तहत कवर किया जा सकता है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने भी अगले एकेडमिक सेशन में 10वीं- 12वीं के सभी प्रमुख विषयों के सिलेबस को 25 फीसदी तक कम करने का ऐलान किया था। इस बारे में बोर्ड ने एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि, “मौजूदा सत्र 2020-21 के दौरान पढ़ाई के समय में होने वाले नुकसान के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।”
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