नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| वकीलों के एक समूह ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि उत्तर प्रदेश में लापता कानून की छात्रा के मामले में न्यायालय हस्तक्षेप करे, ताकि उन्नाव जैसी दुर्घटना से बचा जा सके।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे एक पत्र में वकीलों के समूह ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह इस मुद्दे का स्वत: संज्ञान ले। वकीलों ने न्यायमूर्ति एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष भी यह मुद्दा रखा।
प्रारंभ में अदालत ने वकीलों से कहा कि वे उच्च न्यायालय से संपर्क करें, लेकिन बाद में अदालत ने उनसे पत्र सौंपने के लिए कहा। अदालत ने इस मामले को देखने का उन्हें आश्वासन भी दिया।
वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि वह उप्र सरकार को नोटिस जारी करे कि वह लड़की को तलाशे और उसके परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए। वकीलों ने कहा, “हम एक समाज के रूप में एक और उन्नाव घटने नहीं दे सकते।”
उत्तर प्रदेश के शाहजहापुर स्थित स्वामी सुखदेवानंद लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, और आरोप लगाने के बाद से ही वह लापता है।
उसने चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया है। आरोप लगाने के तीन बाद से वह लापता है।
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